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विश्व कप-2019 : औरों को सिरदर्द दे सकती है 2 बार की चैंपियन इंडीज
नई दिल्ली। पहले दो विश्व कप-1975 और 1979 में खिताबी जीत और 1983 के फाइनल तक का सफर। यह वो दौर था, जब वेस्टइंडीज की जीत लगभग पक्की होती थी। लेकिन वो दौर खत्म हो गया है और 1983 में फाइनल में भारत के हाथों मात खाने के बाद से इस टीम ने कभी भी विश्व कप फाइनल में कदम नहीं रखा है। 30 मई से इंग्लैंड एंड वेल्स में शुरू हो रहे वनडे विश्व कप के 12वें संस्करण में भी विंडीज को कोई भी क्रिकेट पंडित जीत का प्रबल दावेदार तो नहीं मान रहा लेकिन कोई भी इस टीम को नजरअंदाज भी नहीं कर सकता।
इसी टीम ने 2012 में और 2016 में सभी को हैरान करते हुए दो बार टी20 विश्व कप जीते। इस विश्व कप में भी विंडीज में इस बात का दम तो है ही कि वह कुछ भी कर सकती है। बीते कुछ वर्षों से विंडीज की टीम इसी तरह की रही है जो कभी भी, कहीं भी, किसी भी टीम को हैरान कर जीत हासिल कर सकती है। अपने घर में इस टीम ने टेस्ट में इंग्लैंड को मात दी थी और यहां से इस टीम में बदलाव देखने को मिला है।
लेकिन हाल ही में आयरलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई त्रिकोणीय सीरीज में उसे हार मिली थी जो उसके लिए चिंता का सबब हो सकती है और अपने आप में झांकने का मौका भी। इस बीच विंडीज बोर्ड में भी कई बदलाव चलते रहे। कोच स्टुअर्ट लॉ छोडक़र गए और आनन-फानन में फ्लॉड रेइफर को टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया। अब देखना होगा कि इन सभी के बीच विंडीज विश्व कप में क्या कमाल दिखाती है।
कोई भी शायद ही उम्मीद कर रहा हो कि यह टीम सेमीफाइनल तक भी जाएगी लेकिन अगर अंतिम-4 में पहुंचती भी है तो किसी को शायद ही हैरानी हो। इस बात में कोई शक नहीं कि इस टीम में प्रतिभा है। टीम के पास ऐसे बल्लेबाज, गेंदबाज और हरफनमौला खिलाड़ी हैं जो कभी भी मैच का पासा पलट सकते हैं। यह इस टीम की ताकत है। वेस्टइंडीज के पास ऐसे बल्लेबाज हैं जो अपनी आतिशी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम क्रिस गेल का है। गेल का नाम विपक्षी गेंदबाज को डराने के लिए ही काफी है।
अगर गेल का बल्ला चलता है तो टीम बड़ा लक्ष्य हासिल भी कर सकती है और बोर्ड पर बड़ा स्कोर टांग भी सकती है। गेल का यह छठा विश्व कप है। ऐसे में उनके पास अनुभव की कमी नहीं है। उनका अनुभव टीम के भी बुहत काम आएगा। गेल की तरह के बल्लेबाज हैं हरफनमौला आंद्रे रसैल। रसैल का जलवा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में देखा जा चुका है जहां उन्होंने गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी। हालांकि प्रारूप अलग है। वह टी20 था और यह वनडे है, लेकिन रसैल में वनडे में भी अच्छा करने का दम है।
इसी टीम ने 2012 में और 2016 में सभी को हैरान करते हुए दो बार टी20 विश्व कप जीते। इस विश्व कप में भी विंडीज में इस बात का दम तो है ही कि वह कुछ भी कर सकती है। बीते कुछ वर्षों से विंडीज की टीम इसी तरह की रही है जो कभी भी, कहीं भी, किसी भी टीम को हैरान कर जीत हासिल कर सकती है। अपने घर में इस टीम ने टेस्ट में इंग्लैंड को मात दी थी और यहां से इस टीम में बदलाव देखने को मिला है।
लेकिन हाल ही में आयरलैंड और बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई त्रिकोणीय सीरीज में उसे हार मिली थी जो उसके लिए चिंता का सबब हो सकती है और अपने आप में झांकने का मौका भी। इस बीच विंडीज बोर्ड में भी कई बदलाव चलते रहे। कोच स्टुअर्ट लॉ छोडक़र गए और आनन-फानन में फ्लॉड रेइफर को टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया। अब देखना होगा कि इन सभी के बीच विंडीज विश्व कप में क्या कमाल दिखाती है।
कोई भी शायद ही उम्मीद कर रहा हो कि यह टीम सेमीफाइनल तक भी जाएगी लेकिन अगर अंतिम-4 में पहुंचती भी है तो किसी को शायद ही हैरानी हो। इस बात में कोई शक नहीं कि इस टीम में प्रतिभा है। टीम के पास ऐसे बल्लेबाज, गेंदबाज और हरफनमौला खिलाड़ी हैं जो कभी भी मैच का पासा पलट सकते हैं। यह इस टीम की ताकत है। वेस्टइंडीज के पास ऐसे बल्लेबाज हैं जो अपनी आतिशी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम क्रिस गेल का है। गेल का नाम विपक्षी गेंदबाज को डराने के लिए ही काफी है।
अगर गेल का बल्ला चलता है तो टीम बड़ा लक्ष्य हासिल भी कर सकती है और बोर्ड पर बड़ा स्कोर टांग भी सकती है। गेल का यह छठा विश्व कप है। ऐसे में उनके पास अनुभव की कमी नहीं है। उनका अनुभव टीम के भी बुहत काम आएगा। गेल की तरह के बल्लेबाज हैं हरफनमौला आंद्रे रसैल। रसैल का जलवा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में देखा जा चुका है जहां उन्होंने गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी। हालांकि प्रारूप अलग है। वह टी20 था और यह वनडे है, लेकिन रसैल में वनडे में भी अच्छा करने का दम है।
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