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विश्व कप-2019 : चार साल में जबरदस्त मजबूत हुई इंग्लैंड, बल्लेबाजी है ताकत
नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में जब पिछला विश्व कप खेला गया था तब इंग्लैंड का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। वह सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी थी। अब चार साल बाद विश्व कप इंग्लैंड एंड वेल्स में आया है और मेजबान देश को जीत का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। यह कहानी ऐसे ही नहीं बदली। 2015 विश्व कप की इंग्लैंड टीम में और इस टीम में जमीन आसमान का अंतर है। यह टीम वो है जिसने साबित किया है कि उसके लिए कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं है।
हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई पांच मैचों की वनडे सीरीज में इंग्लैंड ने 350 के स्कोर को बेहद आसान बना दिया। बीते दो साल में अगर इंग्लैंड की क्रिकेट को देखा जाए तो उसके लिए 350 के पार का स्कोर बनाना मुश्किल नहीं रहा है। इसी इंग्लैंड ने 19 जून 2018 को नॉटिंघम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे क्रिकेट का सर्वाधिक स्कोर खड़ा किया था। यह स्कोर था छह विकेट के नुकसान पर 481 रन। यह इंग्लैंड की खासियत है कि वह रनों का पहाड़ खड़ा भी कर सकती है तो उसे हासिल करने का दम भी रखती है।
उसकी बल्लेबाजी में इतनी गहाई, ताकत है और इसी कारण इंग्लैंड इस विश्व कप में जीत की सबसे बड़ी दावेदार है। उसके पास ऐसे बल्लेबाज हैं जो ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने का दम रखते हैं लेकिन साथ ही विकेट पर खड़े होने का कबिलियत भी इन बल्लेबाजों में है। दोनों योग्यताओं का एक साथ होना, इसके बल्लेबाजी क्रम को विश्व कप का सबसे मजबूत बल्लेबाजी क्रम बनाता है। बल्लेबाजी में टीम के पास जॉनी बेयरस्टो, कप्तान इयोन मोर्गन, जोस बटलर, जोए रूट, जेसन रॉय जैसे बल्लेबाज हैं। इन सभी के प्रदर्शन से दुनिया के गेंदबाज वाकिफ हैं।
इंग्लैंड के लिए अच्छी बात यह है कि यह सभी बल्लेबाज फॉर्म में हैं। जेसन हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई सीरीज में सर्वोच्च स्कोरर रहे थे। उन्होंने महज तीन पारियों में 277 रन बनाए थे। इसी सीरीज में जॉनी बयेरस्टो का बल्ला भी चला था। बेयरस्टो ने चार मैचों की तीन पारियों में 211 रन बनाए थे। रूट ने पांच मैचों की चार पारियों में 203 और मोर्गन तथा बटलर ने तीन-तीन पारियों में क्रमश: 164 और 144 रन बनाए थे। बेयरस्टो ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए भी बेहतरीन बल्लेबाजी की थी।
इंग्लैंड की इस टीम की खासियत यह है कि इसका हर बल्लेबाज 20-25 गेंदों में आसानी से 50 रन बनाने का दम रखता है और आज की क्रिकेट में यह एक बड़ी चीज है। एक और खासियत जो इस टीम को बाकी टीमों से अलग करती है कि टीम किसी एक बल्लेबाज के दम पर नहीं है। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिला है कि इस टीम के सभी बल्लेबाज विफल रहे हों। कोई न कोई बल्लेबाज आगे आकर रन करता है। और, इसके साथ ही टीम की बल्लेबाजी में गहराई का पता चलता है। टीम में बाद के क्रम में आने वाले खिलाड़ी भी रन बनाने की क्षमता रखते हैं।
हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई पांच मैचों की वनडे सीरीज में इंग्लैंड ने 350 के स्कोर को बेहद आसान बना दिया। बीते दो साल में अगर इंग्लैंड की क्रिकेट को देखा जाए तो उसके लिए 350 के पार का स्कोर बनाना मुश्किल नहीं रहा है। इसी इंग्लैंड ने 19 जून 2018 को नॉटिंघम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे क्रिकेट का सर्वाधिक स्कोर खड़ा किया था। यह स्कोर था छह विकेट के नुकसान पर 481 रन। यह इंग्लैंड की खासियत है कि वह रनों का पहाड़ खड़ा भी कर सकती है तो उसे हासिल करने का दम भी रखती है।
उसकी बल्लेबाजी में इतनी गहाई, ताकत है और इसी कारण इंग्लैंड इस विश्व कप में जीत की सबसे बड़ी दावेदार है। उसके पास ऐसे बल्लेबाज हैं जो ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने का दम रखते हैं लेकिन साथ ही विकेट पर खड़े होने का कबिलियत भी इन बल्लेबाजों में है। दोनों योग्यताओं का एक साथ होना, इसके बल्लेबाजी क्रम को विश्व कप का सबसे मजबूत बल्लेबाजी क्रम बनाता है। बल्लेबाजी में टीम के पास जॉनी बेयरस्टो, कप्तान इयोन मोर्गन, जोस बटलर, जोए रूट, जेसन रॉय जैसे बल्लेबाज हैं। इन सभी के प्रदर्शन से दुनिया के गेंदबाज वाकिफ हैं।
इंग्लैंड के लिए अच्छी बात यह है कि यह सभी बल्लेबाज फॉर्म में हैं। जेसन हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई सीरीज में सर्वोच्च स्कोरर रहे थे। उन्होंने महज तीन पारियों में 277 रन बनाए थे। इसी सीरीज में जॉनी बयेरस्टो का बल्ला भी चला था। बेयरस्टो ने चार मैचों की तीन पारियों में 211 रन बनाए थे। रूट ने पांच मैचों की चार पारियों में 203 और मोर्गन तथा बटलर ने तीन-तीन पारियों में क्रमश: 164 और 144 रन बनाए थे। बेयरस्टो ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए भी बेहतरीन बल्लेबाजी की थी।
इंग्लैंड की इस टीम की खासियत यह है कि इसका हर बल्लेबाज 20-25 गेंदों में आसानी से 50 रन बनाने का दम रखता है और आज की क्रिकेट में यह एक बड़ी चीज है। एक और खासियत जो इस टीम को बाकी टीमों से अलग करती है कि टीम किसी एक बल्लेबाज के दम पर नहीं है। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिला है कि इस टीम के सभी बल्लेबाज विफल रहे हों। कोई न कोई बल्लेबाज आगे आकर रन करता है। और, इसके साथ ही टीम की बल्लेबाजी में गहराई का पता चलता है। टीम में बाद के क्रम में आने वाले खिलाड़ी भी रन बनाने की क्षमता रखते हैं।
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