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पेरिस ओलंपिक में भारतीट बैडमिंटन टीम का बिना पदक लौटना चिंता का विषयः गोपीचंद पुलेला
उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया, साई और सरकार गहराई से इसके कारण जानेगी। आखिर क्यों पिछले दो ओलंपिक में मेडल आए थे। ताकि भविष्य में भारतीय बैडमिंटन आगे बढ़ सके।
रविवार को शहर के सैक्टर-38 स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में नॉर्थ जोन बैडमिंटन चैंपियनशिप में मुख्य अतिथि के तौर पर आए भारतीय कोच ने मीडिया के साथ बातचीत में माना कि यह एक सिस्टम फेलियर हुआ है जो भी गलतियां हुई उसमें अकेले प्लेयर्स को जिम्मेदार ठहराना गलत होगा।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हर गेम हर प्लेयर अलग होता है, हमारी बेहतर तरीके से तैयारी और फोकस होना चाहिए था। उन्हें उम्मीद है कि हम उन गलतियों पर काम करके आगे की राह तय करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले ओलंपिक के लिए प्लांनिंग पर भी काम शुरू हो गया है। वहीं, भारतीय कोच ने पैराओलंपिक प्लेयर्स के प्रदर्शन पर खुशी जताई।
हमें क्षमतावान कोच ढूंढना चाहिए :
वहीं, भारतीय कोच ने मजाकिया लहजे में कहा कि कोचिंग में आप को रोज सुनना पड़ता है, हमें ऐसे क्षमतावान कोच ढूंढने चाहिए जो प्लेयर्स को ऊपर उठा सके। जिन्हें स्वतंत्रता देनी चाहिए, उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। एक खिलाड़ी का खून पसीना मैदान में लगता है, खिलाड़ी ऑफिस में तैयार नहीं होते हैं।
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