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गोवा सरकार का क्रिकेटर युवराज सिंह को नोटिस
पणजी | गोवा सरकार ने क्रिकेटर युवराज सिंह को अपने विला का कथित रूप से पर्यटन विभाग में पंजीकरण नहीं कराने को लेकर नोटिस दिया है। नोटिस में ट्विटर और वेबसाइट लिंक का उल्लेख किया गया है, जहां क्रिकेटर ने लोगों से विला की बुकिंग की पेशकश की है। नोटिस में कहा गया- यह पता चला है कि वरचावाड़ा, मोरजिम, पेरनेम, गोवा में स्थित आपका आवासीय परिसर कथित रूप से होमस्टे के रूप में काम कर रहा है और 'एयरबनब' जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इसकी मार्केटिंग की जा रही है।
पर्यटन विभाग ने नोटिस के माध्यम से कहा है कि होटल/गेस्ट हाउस संचालित करने के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति को इसके संचालन से पूर्व विहित प्राधिकारी को निर्धारित तरीके से पंजीयन के लिए आवेदन करना होता है। विभाग के अधिकारियों द्वारा 11 नवंबर को बंगले का औचक निरीक्षण किया गया था।
नोटिस में कहा: आपको नोटिस दिया जाता है कि क्यों न गोवा पर्यटन व्यापार पंजीकरण अधिनियम, 1982 के तहत पंजीकरण में चूक के लिए आपके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाए। पर्यटन विभाग ने क्रिकेटर को अपना पक्ष रखने के लिए आठ दिसंबर को सुबह 11 बजे उपनिदेशक के समक्ष पेश होने को कहा है।
नोटिस में आगे कहा गया, यदि इस नोटिस में उल्लिखित उक्त तिथि के भीतर कोई उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो यह माना जाएगा कि इस नोटिस में उल्लिखित आधार सही हैं और ऐसी धारणा पर धारा 22 के तहत या इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने पर आप दंडनीय होंगे जुर्माना जो 1 लाख रुपये तक हो सकता है।
--आईएएनएस
पर्यटन विभाग ने नोटिस के माध्यम से कहा है कि होटल/गेस्ट हाउस संचालित करने के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति को इसके संचालन से पूर्व विहित प्राधिकारी को निर्धारित तरीके से पंजीयन के लिए आवेदन करना होता है। विभाग के अधिकारियों द्वारा 11 नवंबर को बंगले का औचक निरीक्षण किया गया था।
नोटिस में कहा: आपको नोटिस दिया जाता है कि क्यों न गोवा पर्यटन व्यापार पंजीकरण अधिनियम, 1982 के तहत पंजीकरण में चूक के लिए आपके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाए। पर्यटन विभाग ने क्रिकेटर को अपना पक्ष रखने के लिए आठ दिसंबर को सुबह 11 बजे उपनिदेशक के समक्ष पेश होने को कहा है।
नोटिस में आगे कहा गया, यदि इस नोटिस में उल्लिखित उक्त तिथि के भीतर कोई उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो यह माना जाएगा कि इस नोटिस में उल्लिखित आधार सही हैं और ऐसी धारणा पर धारा 22 के तहत या इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने पर आप दंडनीय होंगे जुर्माना जो 1 लाख रुपये तक हो सकता है।
--आईएएनएस
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