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एडुल्जी ने IPL ट्रॉफी देने से जुड़ी एकतरफा रिपोर्ट्स को नकारा
नई दिल्ली। प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य और पूर्व क्रिकेटर डायना एडुल्जी बीते कुछ दिनों से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के फाइनल में विजेता टीम को ट्रॉफी देने की चाहत रखने की खबरों को लेकर सुर्खियों में हैं। वे इस विवाद और मीडिया में एकतरफा खबरों को लेकर दुखी हैं। डायना ने कहा है कि अगर रिपोर्ट सामने आनी है तो फिर पूरी क्यों न आए। डायना का कहना है कि इस मामले में एकतरफा खबरें ही चली हैं जबकि पूरा मामला कुछ और है।
डायना ने आईएएनएस से कहा, विजेता को दी जाने वाली आईपीएल ट्रॉफी को लेकर मैंने कई तरह की एकतरफा खबरें पढ़ीं हैं। बात को सही तरह से रखते हुए, मैं बता दूं कि आठ अप्रैल को सीओए की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। चर्चा के दौरान मैंने कहा था कि बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी.के. खन्ना ने दिल्ली में हुए मैच के दौरान ट्रॉफी देने के अपने अधिकार का त्याग कर दिया था।
उन्होंने प्रोटोकॉल की परवाह नहीं की थी और एक राज्य संघ के अध्यक्ष को ट्रॉफी देने की अनुमति दी गई थी और इसलिए आईपीएल फाइनल में, सीओए सदस्य को ट्रॉफी देनी चाहिए। यह इसलिए क्योंकि बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष ने पद की गरिमा को नजरअंदाज किया था। एडुल्जी ने आगे कहा कि इसके लिए उनकी पहली पसंद सीओए अध्यक्ष विनोद राय थे लेकिन उन्होंने फाइनल में आने से मना कर दिया था।
इसके बाद उन्होंने अपना और सीओए के अन्य सदस्य रवि थोडग़े का नाम सुझाया था। उन्होंने कहा कि उनकी खुद ट्रॉफी देने की कोई इच्छा नहीं थी। एडुल्जी ने कहा कि मैंने यहां तक कहा था कि राय फाइनल में मौजूद रहेंगे तो वे ट्रॉफी देंगे लेकिन राय ने कहा था कि वे नहीं आएंगे। इसके बाद मैंने फाइनल के लिए थोडग़े और मेरा नाम सुझाया।
हम दोनों में से कोई ट्रॉफी दे सकता था। पूर्व भारतीय खिलाड़ी के मुताबिक, खन्ना ने फाइनल से कुछ दिन पहले एक मेल किया था जिससे उन्होंने प्लान बदलने को लेकर सवाल किए थे लेकिन वहीं खन्ना ने उस मेल का जवाब नहीं दिया था कि क्यों बीसीसीआई अध्यक्ष ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतिम मैच में ट्रॉफी नहीं दी। उन्होंने कहा, फाइनल से कुछ दिन पहले खन्ना ने कार्यकारी अधिकारी अमिताभ चौधरी का 2017 में लिखा गया एक मेल फॉरवर्ड किया था जिसमें कहा गया था कि बीसीसीआई अध्यक्ष ही ट्रॉफी देंगे।
खन्ना का 2017 का मेल दोबारा भेजना ओछी हरकत थी। वे 2018 में आईपीएल फाइनल में ट्रॉफी दे चुके थे। लगता है कि वे भूल गए थे कि दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैच के दौरान उन्होंने अपने ट्रॉफी देने के अधिकार का त्याग कर दिया था।
डायना ने आईएएनएस से कहा, विजेता को दी जाने वाली आईपीएल ट्रॉफी को लेकर मैंने कई तरह की एकतरफा खबरें पढ़ीं हैं। बात को सही तरह से रखते हुए, मैं बता दूं कि आठ अप्रैल को सीओए की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। चर्चा के दौरान मैंने कहा था कि बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी.के. खन्ना ने दिल्ली में हुए मैच के दौरान ट्रॉफी देने के अपने अधिकार का त्याग कर दिया था।
उन्होंने प्रोटोकॉल की परवाह नहीं की थी और एक राज्य संघ के अध्यक्ष को ट्रॉफी देने की अनुमति दी गई थी और इसलिए आईपीएल फाइनल में, सीओए सदस्य को ट्रॉफी देनी चाहिए। यह इसलिए क्योंकि बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष ने पद की गरिमा को नजरअंदाज किया था। एडुल्जी ने आगे कहा कि इसके लिए उनकी पहली पसंद सीओए अध्यक्ष विनोद राय थे लेकिन उन्होंने फाइनल में आने से मना कर दिया था।
इसके बाद उन्होंने अपना और सीओए के अन्य सदस्य रवि थोडग़े का नाम सुझाया था। उन्होंने कहा कि उनकी खुद ट्रॉफी देने की कोई इच्छा नहीं थी। एडुल्जी ने कहा कि मैंने यहां तक कहा था कि राय फाइनल में मौजूद रहेंगे तो वे ट्रॉफी देंगे लेकिन राय ने कहा था कि वे नहीं आएंगे। इसके बाद मैंने फाइनल के लिए थोडग़े और मेरा नाम सुझाया।
हम दोनों में से कोई ट्रॉफी दे सकता था। पूर्व भारतीय खिलाड़ी के मुताबिक, खन्ना ने फाइनल से कुछ दिन पहले एक मेल किया था जिससे उन्होंने प्लान बदलने को लेकर सवाल किए थे लेकिन वहीं खन्ना ने उस मेल का जवाब नहीं दिया था कि क्यों बीसीसीआई अध्यक्ष ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतिम मैच में ट्रॉफी नहीं दी। उन्होंने कहा, फाइनल से कुछ दिन पहले खन्ना ने कार्यकारी अधिकारी अमिताभ चौधरी का 2017 में लिखा गया एक मेल फॉरवर्ड किया था जिसमें कहा गया था कि बीसीसीआई अध्यक्ष ही ट्रॉफी देंगे।
खन्ना का 2017 का मेल दोबारा भेजना ओछी हरकत थी। वे 2018 में आईपीएल फाइनल में ट्रॉफी दे चुके थे। लगता है कि वे भूल गए थे कि दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैच के दौरान उन्होंने अपने ट्रॉफी देने के अधिकार का त्याग कर दिया था।
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