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आखिर भाग्य से हार गईं विनेश फोगाट
ओलंपिक में फाइनल तक का सफर तय करना भारत की इस बेटी के लिए आसान नहीं था, उसे प्री-क्वार्टर में ही 4 बार की विश्व चैंपियन और पिछले ओलंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट का सामना करना था। विनेश के पिता महावीर फोगाट का मानना था कि ये मैच गोल्ड की लड़ाई है। एक चुनौतीपूर्ण मुकाबले में विनेश ने सुसाकी को 3-2 से हराया। सुसाकी ने अपने करियर के सभी 95 अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले जीते थे। लेकिन, विनेश ने सुसाकी को उन्हीं के पैंतरे से मात दी।
क्वार्टर फाइनल में विनेश ने कड़ी टक्कर में यूक्रेन की लिवाच को 7-5 से हराया और सीधे सेमीफाइनल में एंट्री मारी। सेमीफाइनल मुकाबले में विनेश के खिलाफ क्यूबा की रेसलर गुजमन लोपेज थी। सिर्फ 6 मिनट तक चलने वाले रेसलिंग मैच में विनेश ने 5-0 से जीत दर्ज करते हुए फाइनल में जगह बनाई।
विनेश की फॉर्म देखकर ये साफ था कि वो गोल्ड की प्रबल दावेदार हैं लेकिन भाग्य का साथ नहीं मिलने के कारण वो इस ऐतिहासिक जीत से चूक गईं। विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालिफाई घोषित किया गया है। वह 50 किलोग्राम रेसलिंग के फाइनल में पहुंची थी। उनका इवेंट के दूसरे दिन 50 किलोग्राम वर्ग में अधिक वजन पाया गया।
--आईएएनएस
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