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संस्कृति एवं कला की रीच होने से हरियाणा में और ज्यादा होगा विकास- डा रणपालसिंह
इस दौरान सीआरएसयू की कार्यकुशल कमेटी में शामिल डीवाईसीए सहायक निदेशिका डा ममता ढाण्डा, असिस्टेंट प्रो. अंग्रेजी डा संदीप पानू, डा रणबीर राठी, सहायक प्रो. म्यूजिक डा कविता द्वारा लोक सम्पर्क विभाग हरियाणा के रिटायर्ड डीआईपीआरओ सुरेन्द्र कुमार वर्मा कोथ एवं अन्य मीडियामैन्ज को सम्मानित किया गया।
वीसी डा रणपाल सिंह ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य हरियाणा उत्सव व प्रदर्शनी के माध्यम से नई पीढी़ को प्राचीन परम्परा, संस्कृति, कला, सभ्यता, गौरवशाली इतिहास, विरासत व अन्य धरोहर के बारे में जानकारी देकर संस्कृति, कला व सभ्यता को संजोये रखना है। इससे नई पीढी़ व युवाओं को अवश्य सीख मिलेगी और वे देश व प्रदेश के विकास में अहम भागीदार बनेगें। उन्होंने आयोजित प्रदर्शनी में दर्शायी गई वर्षों पुरानी हरियाणवीं संस्कृति, कला व सभ्यता से जुडे़ आइटमों का बडी़ बारीकी से अवलोकन किया और ज्ञान स्वरूप अपने विचार भी सांझा किए।
गौतम सत्यराज द्वारा लगाई गई हरियाणा संस्कृति सभ्यता विरासत प्रदर्शनी एवं खुशी के साथ विश्वविद्यालय की छात्रा रही शिक्षा जांगडा़ द्वारा लगाई गई अलग से पेंटिंग आर्ट को बढा़वा देने सम्बन्धी प्रदर्शनी को युवाओं समेत हजारों लोगों ने देखा और लोग पुरानी धरोहर व आर्ट को देखकर गदगद हुए। हरियाणा उत्सव में हरियाणवीं वेशभूषा में ममता शर्मा और अन्य कलाकारों द्वारा शानदार प्रस्तुतियां देकर सबका मन मोह लिया।
प्रदर्शनी अवलोकन के दौरान वीसी डा रणपालसिंह के अलावा विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो. लवलीन मोहन, सांस्कृतिक कार्यक्रम निदेशक डा. विजय कुमार, डा. रामनिवास, लोक सम्पर्क अधिकारी रिटायर्ड सुरेन्द्र वर्मा, एबीवीपी प्रधान सचिन चांदपुर, वाणिज्य विभाग कविता, समाज सेवी गंगासिंह रामराये, जयप्रकाश, बलबीर, सुरेश शर्मा, एमसी सतीश हरियाणवीं व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे। हरियाणा उत्सव में प्रदेशभर के विभिन्न कालेजों के करीब 1500 प्रतिभागियों ने भाग लिया और अपनी कला व संस्कृति का अद्भूत प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में हरियाणवीं स्किट, सांग, ग्रुप डांस, लोकगीत, आर्केस्ट्रा, फैशन शो, लोकनृत्य, रागनी व हरियाणवीं संस्कृति से जुडे़ अन्य आइटम पेश किये गये। वीसी डा रणपालसिंह व सांस्कृतिक निदेशक डा विजय कुमार ने बताया कि हरियाणा उत्सव एक ऐसा मंच है जहां युवा अपने अन्दर छिपी प्रतिभा को उजागर कर जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। इस उत्सव में युवाओं की ऊर्जा सकारात्मक गतिविधियों से जुड़ती है तो एक नई चेतना का विकास होता है।
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