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हमें नेहरू को पढ़ना चाहिए, उनकी बातों को आत्मसात करना चाहिए - डॉ.बी.डी कल्ला

khaskhabar.com : शनिवार, 27 मई 2023 5:03 PM (IST)
हमें नेहरू को पढ़ना चाहिए, उनकी बातों को आत्मसात करना चाहिए - डॉ.बी.डी कल्ला
जयपुर । पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी की ओर से शनिवार को पं. नेहरू की पुण्यतिथि पर एक अनुपम कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षा,कला साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने


‘युग निर्माता-भारत सृजनकर्ताः पं. नेहरू’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि पं. नेहरू ने देश को जो विकास की राह दिखायी उस पर चलकर भारत आज यहां तक पहुंचा है। उन्होंने कहा कि हमें नेहरू को पढ़ना चाहिए, उनकी बातों को आत्मसात करना चाहिए। उनकी तरह बनना है तो निरंतर पढ़ाई करनी चाहिए। उन्होने बाल अकादमी की ओर से अल्प समय में साठ पुस्तकें प्रकाशित करने पर बधाई दी। उन्होने कहा कि अकादमी की ओर से प्रारंभ में प्रदेश के 100 महात्मा गांधी स्कूलों में छात्रों के लिए पुस्तकें प्रदान की जाएंगी। इसी तरह राज्य स्तरीय नेहरू प्रदर्शनी को अन्य राज्यों में लगाने का प्रयास किया जाएगा।
अकादमी अध्यक्ष इकराम राजस्थानी ने कहा कि पं. नेहरू की पुण्यतिथि पर हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि कैसे हम अमन, प्रेम, साम्प्रदायिक सद्भाव को मज़बूत करते हुए नए भारत का निर्माण करेंगे।

मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार फारूक आफरीदी ने कहा कि नेहरू जी एक सम्पन्न परिवार से थे। वे चाहते वैभवशाली जीवन जी सकते थे। विदेश से पढ़ाई वकालत के बल पर धन कमा सकते थे लेकिन उन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उन्होंने गांधी जी की अगुवाई में आजादी के संघर्ष की कठिन राह चुनी। प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने राष्ट्र हित में स्वाध्याय करना नहीं छोड़ा। उन्होंने जिन संविधानिक संस्थाओं को खड़ा किया उससे हमारा लोकतंत्र दुनिया में मजबूती से खड़ा है।वे बच्चों से बेहद प्यार करते थे।वे देश या विदेश जहां भी जाते बच्चों के लिए उपहार ले जाना नहीं भूलते थे। उन्होंने बच्चों के बेहतर भविष्य की अनेक योजनाएं बनाई। उन्होने सांप्रदायिक सद्भाव को कमजोर नहीं होने दिया।
प्रखर चिन्तक और विचारक डॉ. राघव प्रकाश ने कहा कि पं. जवाहर लाल नेहरू ने भारत एक खोज लिखी थी। भारत पहले भी था, लेकिन वह इंडिया में कहीं खो सा गया था। उन्होंने अपनी डिस्कवरी में उस इंडिया को फिर से खोजा, उसकी डिस्कवरी की। नेहरू ने हमारी जड़ों से हमें रूबरू करवाया। अब हमें और आप सबको जरूरत है अपने आप को डिस्कवर करने की। जीवन का उद्देश्य तलाशने की, उसकी खोज करने की।

गांधीवादी चिंतक प्रो.नरेश दाधीच ने कहा कि एक बार किसी ने नेहरू जी से पूछा कि आप किस रूप में याद किए जाना चाहते हैं तब उन्होंने जवाब दिया कि मैं ऐसे इंसान के रूप में याद किया जाना चाहता हूं, जिसमें लाखों कमियां थी, लेकिन जो अपने देश और देशवासियों से प्रेम करता है। व्याख्यान की अध्यक्षता शिक्षाविद केशव बड़ाया ने की। पं. जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी अध्यक्ष इकराम राजस्थानी ने अतिथियों का स्वागत किया और सचिव राजेंद्र मोहन शर्मा ने मंच संचालन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवाओं और बच्चों ने हिस्सा लिया।


प्रारंभ में मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में नेहरू के बचपन से लेकर राजनीतिक जीवन को दर्शाने वाले दुर्लभ चित्रों को दर्शाया गया। प्रदर्शनी 30 मई तक प्रातः 10 से सायं 5 बजे तक जारी रहेगी। कार्यक्रम की शुरुआत में बच्चों ने देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी।

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