खन्ना अनाज मंडी में भारी बारिश के बाद जलभराव : निकासी व्यवस्था की खुली पोल, मक्की की फसल पर असर

सीवरेज सिस्टम पर उठे सवाल
बारिश के 12 घंटे बाद भी पानी निकासी नहीं हो पाई, जिससे साफ हो गया कि मंडी में जल निकासी के प्रबंध नाकाफी हैं। आढ़ती, किसान और मजदूर सभी इस समस्या से जूझते नजर आए। मंडी में पानी इस कदर भर चुका है कि व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है और आने वाले 3-4 दिनों तक कामकाज बाधित रहने की संभावना जताई जा रही है।
सियासत भी गर्माई
शिरोमणि अकाली दल के हलका इंचार्ज और आढ़ती यादविंदर सिंह यादू ने मंडी के हालात को लेकर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "सिस्टम पूरी तरह फेल है। साढ़े तीन साल 'आप' सरकार और उससे पहले पांच साल कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन किसी ने मंडियों के बुनियादी ढांचे की ओर ध्यान नहीं दिया। मंडी का असली विकास अकाली सरकार में हुआ था।"
यादविंदर सिंह ने आरोप लगाया कि "आज अनाज मंडी खन्ना में पानी निकासी की व्यवस्था शून्य है, जिससे फसलें खराब हो रही हैं और किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है।"
प्रशासन की सफाई
वहीं दूसरी ओर, मार्केट कमेटी के सचिव कमलदीप सिंह मान ने फसल खराब होने के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा, "मंडी में फड़ ऊंचे हैं और फसलें सुरक्षित हैं। सड़कें नीची हैं इसलिए वहां पानी भर गया है। सीवरेज सिस्टम पुराना है जिससे पूरे शहर में पानी की निकासी धीमी होती है। मंडी में सुबह से ही मोटरें चल रही हैं और पानी निकालने का कार्य जारी है।"
मंडी की छवि को लगा धक्का
खन्ना मंडी, जो देशभर में संगठित अनाज व्यापार का मॉडल मानी जाती है, वहां इस तरह की अव्यवस्था से प्रशासनिक तैयारियों की पोल खुल गई है। जलभराव से ना सिर्फ व्यापार रुका है बल्कि किसानों को फसल खराब होने और मूल्य घटने की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
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