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पैसों के विवाद में हुई थी विनोद सालवी की हत्या, 6 आरोपी गिरफ्तार, बाल अपचारी डिटेन
चित्तौड़गढ़। जिले के गंगरार थाना क्षेत्र में सोनियाणा पुलिया के निकट सुनसान जगह पर गत 25 फरवरी को पुलिस को एक व्यक्ति की लाश मिलने की सूचना मिली थी। पुलिस ने मौके पर पहुंच मृतक की शिनाख्त करवाने का प्रयास किया लेकिन शिनाख्त नही हो पाई थी। इस पर गंगरार पुलिस ने मृतक के सोष्यल मीडिया पर फोटो वायरल किये जिससे उसकी पहचान देहली गेट थाना कोतवाली पुलिस निवासी विनोद सालवी के रूप में हुई। मृतक के शरीर पर मिले गंभीर चोटों के निशान के आधार पर पुलिस ने इसे हत्या के दृश्टिकोण से अनुसंधान करते हुए इस मामले में 6 आरोपी को गिरफ्तार किया है तथा इस मामले में एक बाल अपचारी को भी डिटेन किया गया है।
प्रकरण के अनुसार गोविन्द लाल गुर्जर नामक व्यक्ति ने गंगरार पुलिस को सूचना दी थी कि 25 फरवरी को वह देवदा गांव से नये रिको एरिया की ओर जा रहा था तो उक्त कच्चे रास्ते पर एक अज्ञात व्यक्ति अचेतावस्था में पड़ा हुआ था और उसका मुंह काले कपडे से ढ़का हुआ है। इस पर पुलिस मौके पर पहुंची और इसकी पहचान के प्रयास किये। पहचान नही होने पर सोष्यल साईट्स पर मृतक के फोटो डालकर पहचान की कोशिश की गई। सोष्यल साईट्स पर फोटो आने के बाद देहली गेट थाना कोतवाली चित्तौडगढ निवासी बाबूलाल सालवी ने मृतक की पहचान अपने पुत्र विनोद के रूप में की। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए गंगरार पुलिस ने थानाधिकारी शिवलाल मीणा के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर साक्ष्य एकत्रित किये गये। दौराने अनुसंधान पुलिस को पता चला कि मृतक विनोद अंतिम बार प्रतापनगर निवासी भावेश आहुजा के साथ देखा गया था और उसने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रखा है। तकनीकी आधार पर पड़ताल में उक्त हत्या भावेश आहुजा द्वारा अपने अन्य साथियों द्वारा कारित करना दृष्टिगत हुआ।
लेन देन से जुड़ा है मामला
मृतक विनोद सालवी ऑनलाईन लोन दिलाने का काम करता था। भावेश आहुजा की तथा विनोद सालवी के बीच लेन देन को लेकर विवाद था। विनोद सालवी के खाते में आईसीआईसीआई बैंक ठगी के 10 लाख रूपये भी थे। लेन देन के विवाद तथा 10 लाख को हडपने की संभावना की नियत से मेवाड़ युनिवर्सिर्टी के पीछे के सुनसान जगह को चुना गया। भावेश व बाल अपचारी शराब पार्टी के बहाने विनोद सालवी को यहां ले आये। यहां पहले इन्होने पार्टी की तथा बाद में 10 लाख रूपये के बारे में पूछे जाने पर विनोद ने इंकार कर दिया। भावेश ने भी लोन करवाने के नाम पर दिये गये 4 हजार रूपये वापस मांगे। इसी दौरान इनमें झगडा प्रारंभ हो गया तथा गंभीर मारपीट के दौरान ही विनोद की हत्या हो गई। बाद में भावेश और साहिल ने सोनियाणा पुलिया के निकट सुनसान जगह लाश डालकर सभी अलग अलग दिशा में फरार हो गये।
घटना से पूर्व ही कर दिये थे मोबाईल स्वीच ऑफ
पुलिस दल द्वारा तकनीकी साक्ष्यों का संकलन करते हुए पाया गया कि विनोद सालवी हत्याकाण्ड में भावेश सिन्धी, प्रभुसिंह चौहान, प्रकाश उर्फ बिनू गुर्जर, पुश्पेन्द्र राजपूत, साहिल बैरागी, मनीष उर्फ मोन्टी सालवी, राजू गुर्जर, शिवा उर्फ शिवलाल जाट तथा एक अन्य बाल अपचारी द्वारा उक्त घटना कारित करना सामने आया है। योजनाबद्ध तरीके से सभी ने घटना से पूर्व ही अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर दिये थे। उक्त सभी के रेकार्ड खंगाले गये तो सभी आपराधिक प्रवृत्ति होकर वांछित है। पुलिस टीम ने फरार भावेश आहुजा को दमोह (म.प्र.), प्रकाश उर्फ बिनु उर्फ पपला को मोरवी (गुजरात), प्रभु सिंह, पुश्पेन्द्रसिंह, साहिल बैरागी तथा अपचारी को उज्जैन (म.प्र) से, मनीष उर्फ मोन्टी को गंगरार से ही गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। गिरफ्तार युवकों ने पूछताछ के दौरान में इस मामले में राजू गुर्जर व शिवा उर्फ शिव लाल गुर्जर की संलिप्तता भी उजागर की। घटना के बाद सभी आरोपियों ने ट्रेनों में इधर उधर घुमकर तथा होटल-ढ़ाबों तथा रेलवे स्टेशन पर रूककर फरारी काटी थी। गिरफ्तार सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाकर 15 मार्च तक रिमाण्ड पर लिया गया है।
आईसीआईसीआई बैंक ठगी से भी जुडा हो सकता है मामला
पुलिस अनुसंधान में यह भी सामने आया है कि भावेश ने अपने साथियों को बताया कि कुछ समय पूर्व आईसीआईसीआई बैंक में जो 28 लाख रूपयें की ठगी हुई थी, उसमें से 10 लाख रूपयें विनोद सालवी के खाते में है। ठगी के इस मामले में विनोद सालवी, अक्षिता व उसके साथी जेल भी जाकर आ चुके है।
प्रकरण के अनुसार गोविन्द लाल गुर्जर नामक व्यक्ति ने गंगरार पुलिस को सूचना दी थी कि 25 फरवरी को वह देवदा गांव से नये रिको एरिया की ओर जा रहा था तो उक्त कच्चे रास्ते पर एक अज्ञात व्यक्ति अचेतावस्था में पड़ा हुआ था और उसका मुंह काले कपडे से ढ़का हुआ है। इस पर पुलिस मौके पर पहुंची और इसकी पहचान के प्रयास किये। पहचान नही होने पर सोष्यल साईट्स पर मृतक के फोटो डालकर पहचान की कोशिश की गई। सोष्यल साईट्स पर फोटो आने के बाद देहली गेट थाना कोतवाली चित्तौडगढ निवासी बाबूलाल सालवी ने मृतक की पहचान अपने पुत्र विनोद के रूप में की। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए गंगरार पुलिस ने थानाधिकारी शिवलाल मीणा के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर साक्ष्य एकत्रित किये गये। दौराने अनुसंधान पुलिस को पता चला कि मृतक विनोद अंतिम बार प्रतापनगर निवासी भावेश आहुजा के साथ देखा गया था और उसने मोबाईल स्वीच ऑफ कर रखा है। तकनीकी आधार पर पड़ताल में उक्त हत्या भावेश आहुजा द्वारा अपने अन्य साथियों द्वारा कारित करना दृष्टिगत हुआ।
लेन देन से जुड़ा है मामला
मृतक विनोद सालवी ऑनलाईन लोन दिलाने का काम करता था। भावेश आहुजा की तथा विनोद सालवी के बीच लेन देन को लेकर विवाद था। विनोद सालवी के खाते में आईसीआईसीआई बैंक ठगी के 10 लाख रूपये भी थे। लेन देन के विवाद तथा 10 लाख को हडपने की संभावना की नियत से मेवाड़ युनिवर्सिर्टी के पीछे के सुनसान जगह को चुना गया। भावेश व बाल अपचारी शराब पार्टी के बहाने विनोद सालवी को यहां ले आये। यहां पहले इन्होने पार्टी की तथा बाद में 10 लाख रूपये के बारे में पूछे जाने पर विनोद ने इंकार कर दिया। भावेश ने भी लोन करवाने के नाम पर दिये गये 4 हजार रूपये वापस मांगे। इसी दौरान इनमें झगडा प्रारंभ हो गया तथा गंभीर मारपीट के दौरान ही विनोद की हत्या हो गई। बाद में भावेश और साहिल ने सोनियाणा पुलिया के निकट सुनसान जगह लाश डालकर सभी अलग अलग दिशा में फरार हो गये।
घटना से पूर्व ही कर दिये थे मोबाईल स्वीच ऑफ
पुलिस दल द्वारा तकनीकी साक्ष्यों का संकलन करते हुए पाया गया कि विनोद सालवी हत्याकाण्ड में भावेश सिन्धी, प्रभुसिंह चौहान, प्रकाश उर्फ बिनू गुर्जर, पुश्पेन्द्र राजपूत, साहिल बैरागी, मनीष उर्फ मोन्टी सालवी, राजू गुर्जर, शिवा उर्फ शिवलाल जाट तथा एक अन्य बाल अपचारी द्वारा उक्त घटना कारित करना सामने आया है। योजनाबद्ध तरीके से सभी ने घटना से पूर्व ही अपने मोबाईल स्वीच ऑफ कर दिये थे। उक्त सभी के रेकार्ड खंगाले गये तो सभी आपराधिक प्रवृत्ति होकर वांछित है। पुलिस टीम ने फरार भावेश आहुजा को दमोह (म.प्र.), प्रकाश उर्फ बिनु उर्फ पपला को मोरवी (गुजरात), प्रभु सिंह, पुश्पेन्द्रसिंह, साहिल बैरागी तथा अपचारी को उज्जैन (म.प्र) से, मनीष उर्फ मोन्टी को गंगरार से ही गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। गिरफ्तार युवकों ने पूछताछ के दौरान में इस मामले में राजू गुर्जर व शिवा उर्फ शिव लाल गुर्जर की संलिप्तता भी उजागर की। घटना के बाद सभी आरोपियों ने ट्रेनों में इधर उधर घुमकर तथा होटल-ढ़ाबों तथा रेलवे स्टेशन पर रूककर फरारी काटी थी। गिरफ्तार सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाकर 15 मार्च तक रिमाण्ड पर लिया गया है।
आईसीआईसीआई बैंक ठगी से भी जुडा हो सकता है मामला
पुलिस अनुसंधान में यह भी सामने आया है कि भावेश ने अपने साथियों को बताया कि कुछ समय पूर्व आईसीआईसीआई बैंक में जो 28 लाख रूपयें की ठगी हुई थी, उसमें से 10 लाख रूपयें विनोद सालवी के खाते में है। ठगी के इस मामले में विनोद सालवी, अक्षिता व उसके साथी जेल भी जाकर आ चुके है।
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