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अफसरों ने योगी के ‘गौ-प्रेम’ पर दिखाई आंकड़ों की बाजीगरी! ये बताई मृत गायों की संख्या व खर्चा

बांदा। उत्तर प्रदेश में चित्रकूटधाम मंडल के अधिकारी सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गौ-प्रेम पर भी अफसर आंकड़ों की बाजीगरी करने से नहीं चूक रहे हैं। पशुपालन विभाग से शासन को भेजी गई गौवंशों की मौत के आंकड़े हकीकत से काफी दूर, महज 75 बताई गई है और आठ माह में एक लाख गौवंशों पर 12 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च किया जाना बताया गया है। उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में आवारा गौवंश किसानों के लिए किसी दैवीय आपदा से कम नहीं हैं।
चित्रकूटधाम मंडल के बांदा, चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर में करीब तीन लाख आवारा गौवंश किसानों और राहगीरों के लिए आफत बने हुए हैं। इन आवारा गौवंशों के संरक्षण के लिए मई माह से अस्थायी व स्थायी 1018 गोशालाएं संचालित हैं, जिनमें सुविधाओं का अभाव है और ठंड व बीमारी से प्रतिदिन गायों की मौत हो रही है। शनिवार को अपर निदेशक पशुपालन (द्वितीय) ए.के. सिंह ने शासन को भेजी एक रिपोर्ट में कहा है कि चित्रकूटधाम मंडल के बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा में अस्थायी व स्थायी 1018 गोशालाएं संचालित हैं, जिनमें 1,10,717 गोवंश संरक्षित हैं।
इनके भरण-पोषण पर अब तक 12 करोड़ 37 लाख रुपए खर्च किए गए। इसी रिपोर्ट में कहा गया कि इस अवधि में सिर्फ 75 पशुओं की मौत हुई है, वे बूढ़े और बीमार थे। बांदा में 32, चित्रकूट में 15, हमीरपुर और महोबा में 15-15 गौवंश की मौत होना बताया गया है। पशुपालन विभाग की मानें तो बांदा जिले में 169 गोशालाएं हैं, जिनमें 29009 गोवंश संरक्षित हैं।
इनमें 32 की मौत हो चुकी है और इन पर दो करोड़, 70 लाख, 12 हजार रुपए खर्च हुए। इसी प्रकार चित्रकूट जिले में 170 गोशालाएं हैं, जिनमें 28,125 गोवंश संरक्षित है, 15 की मौत हुई और इन पर दो करोड़, 47 लाख, 78 हजार, 450 रुपए खर्च हुए। हमीरपुर जिले में 332 गोशालाएं हैं, जिनमें 29,569 गोवंश संरक्षित हैं। इनमें 14 की मौत हो चुकी है और तीन करोड़, तीस लाख रुपए खर्च हुए।
चित्रकूटधाम मंडल के बांदा, चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर में करीब तीन लाख आवारा गौवंश किसानों और राहगीरों के लिए आफत बने हुए हैं। इन आवारा गौवंशों के संरक्षण के लिए मई माह से अस्थायी व स्थायी 1018 गोशालाएं संचालित हैं, जिनमें सुविधाओं का अभाव है और ठंड व बीमारी से प्रतिदिन गायों की मौत हो रही है। शनिवार को अपर निदेशक पशुपालन (द्वितीय) ए.के. सिंह ने शासन को भेजी एक रिपोर्ट में कहा है कि चित्रकूटधाम मंडल के बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा में अस्थायी व स्थायी 1018 गोशालाएं संचालित हैं, जिनमें 1,10,717 गोवंश संरक्षित हैं।
इनके भरण-पोषण पर अब तक 12 करोड़ 37 लाख रुपए खर्च किए गए। इसी रिपोर्ट में कहा गया कि इस अवधि में सिर्फ 75 पशुओं की मौत हुई है, वे बूढ़े और बीमार थे। बांदा में 32, चित्रकूट में 15, हमीरपुर और महोबा में 15-15 गौवंश की मौत होना बताया गया है। पशुपालन विभाग की मानें तो बांदा जिले में 169 गोशालाएं हैं, जिनमें 29009 गोवंश संरक्षित हैं।
इनमें 32 की मौत हो चुकी है और इन पर दो करोड़, 70 लाख, 12 हजार रुपए खर्च हुए। इसी प्रकार चित्रकूट जिले में 170 गोशालाएं हैं, जिनमें 28,125 गोवंश संरक्षित है, 15 की मौत हुई और इन पर दो करोड़, 47 लाख, 78 हजार, 450 रुपए खर्च हुए। हमीरपुर जिले में 332 गोशालाएं हैं, जिनमें 29,569 गोवंश संरक्षित हैं। इनमें 14 की मौत हो चुकी है और तीन करोड़, तीस लाख रुपए खर्च हुए।
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