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यूपी का चुनावी घमासान : सपा-रालोद कार्यक्रम में 2,000 लोगों पर कोविड उल्लंघन का मामला दर्ज
पुलिस ने कहा कि आयोजकों को 500 लोगों की अनुमति दी गई थी, लेकिन लवकुश गार्डन में बड़ी भीड़ देखी गई। साथ ही, प्रेस मीट शाम 7 बजे तक खत्म होनी थी, लेकिन यह निर्धारित समय से अधिक हो गई।
हापुड़ के एसपी दीपक भुकर ने कहा, "यह कोविड-19 और ईसी मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन है। हमने आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत दो ज्ञात और 2,000 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।"
पुलिस ने सपा और रालोद उम्मीदवारों पर 'बार-बार चेतावनी के बावजूद राजमार्ग पर भीड़ जुटाने' का आरोप लगाया।
इस बीच, अखिलेश यादव और जयंत चौधरी ने अपने संयुक्त अभियान के दौरान 'अन्ना जल' प्रस्ताव को अपनाया और कहा कि वे चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
यादव और जयंत ने कहा कि उनकी 'लाल टोपी और लाल पोटली' भाजपा को हरा देगी और वे मिलकर राज्य में गंगा-जमुनी संस्कृति को फिर से स्थापित करेंगे।
अखिलेश ने कहा, "यह लाल टोपी और अनाज वाली लाल पोटली उन्हें सबक सिखाएगी। किसान सत्ताधारी पार्टी को गिराने के लिए तैयार हैं। इसे शून्य सीटें मिलेंगी क्योंकि पश्चिमी यूपी के लोग भाजपा से नाराज हैं। हर बीजेपी नेता के चेहरे पर हार का असर साफ नजर आ रहा है।"
सहयोगी दलों ने कहा कि जो लोग किसानों को आतंकवादी कहते थे, वे किसान समर्थक होने का नाटक कर उनके आंदोलन में रोड़ा अटका रहे हैं।
अखिलेश ने कहा, "किसानों ने सराहनीय धैर्य और साहस का प्रदर्शन किया है, जिसके आगे भाजपा सरकार को झुकना पड़ा और तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा।" जयंत चौधरी ने कहा कि जिस तरह से भाजपा सरकार के मंत्री के बेटे ने किसानों को कुचल दिया, उसे कोई नहीं भूल सकता।
--आईएएनएस
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