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UP : भाजपा जिलाध्यक्ष के बेटे को तमाचा जड़ने वाले 2 सिपाही निलंबित
बांदा। उत्तर प्रदेश में बांदा जिला मुख्यालय में तैनात दो सिपाहियों को वर्दी की आन बचाना मंहगा पड़ गया है। दोनों सिपाहियों ने वर्दी फाड़ने की धमकी पर सोमवार को स्थानीय भाजपा जिलाध्यक्ष के नाबालिग बेटे को कथित रूप से तमाचा जड़ दिया था, जिन्हें अब निलंबित कर दिया गया है। वाकया सोमवार दोपहर को बांदा शहर की सिविल लाइन पुलिस चौकी क्षेत्र में हुआ। कुछ पुलिसकर्मी नियमित वाहन चेकिंग कर रहे थे, तभी मोटरसाइकिल सवार भाजपा जिलाध्यक्ष रामकेश निषाद का 17 वर्षीय बेटा जयप्रकाश यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए एक सिपाही से उलझ गया और अपने पिता के पद का रौब दिखाते हुए पुलिस वालों से खूब अभद्रता की।
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि भाजपा नेता के बेटे ने जब सिपाहियों को उनकी वर्दी फाड़ने की धमकी दी, तो राजेन्द्र और विमलेश नामक सिपाही ने उसे यह कहते हुए तमाचा जड़ दिया कि यह वर्दी हमारी 'आन-बान-शान' है। हालांकि, इस घटना के बाद आक्रोशित भाजपाइयों के हुजूम ने पहले सिविल लाइन पुलिस चौकी का घेराव किया, बाद में नगर कोतवाली में धावा बोलकर काफी बवाल किया।
नगर पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) आलोक मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल और पुलिस अधीक्षक ने एक साथ सिविल लाइन पुलिस चौकी के आस-पास के सीसीटीवी फूटेज देखे हैं। जिसपर एक सिपाही भाजपा जिलाध्यक्ष के बेटे को तमाचा मारते दिख रहा है। उन्होंने कहा, "पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सिपाही राजेंद्र और विमलेश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।"
वहीं, निलंबित दोनों सिपाहियों ने कहा, "जब तक जयप्रकाश (भाजपा जिलाध्यक्ष का बेटा) हमारी बेइज्जती करता रहा, बर्दास्त किया लेकिन जब उसने वर्दी की तौहीन की तो गुस्से में उसे तमाचा मार दिया। वर्दी हमारी आन-बान-शान है और वर्दी पहनते समय हमें इसके लिए मर-मिटने की कसम खिलाई गई है।"
फौजदारी मामलों के बुजुर्ग अधिवक्ता रणवीर सिंह चौहान ने कहा, "अगर सिपाही ने वर्दी की हिफाजत में हल्का बल प्रयोग किया, तो इसमें कोई गलत बात नहीं है, लेकिन सत्तापक्ष के दबाव में उनका निलंबन किया जाना सरासर गलत है। ऐसे में तो वर्दी की कोई कद्र ही नहीं करेगा।"
उधर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अतुल मोहन द्विवेदी ने आरोप लगाया कि जब सोमवार की दोपहर शांतिपूर्ण तरीके से भाजपा के जिलास्तरीय पदाधिकारी नगर कोतवाली में अपना पक्ष रखने गए थे, तब सीओ सिटी आलोक मिश्रा ने अकारण लाठी चार्ज करवाया। उन्होंने कहा, "इससे करीब पांच-छह कार्यकर्ताओं को चोटे आईं हैं।"
हालांकि, सीओ ने लाठी चार्ज के आरोप को निराधार बताया है।
--आईएएनएस
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि भाजपा नेता के बेटे ने जब सिपाहियों को उनकी वर्दी फाड़ने की धमकी दी, तो राजेन्द्र और विमलेश नामक सिपाही ने उसे यह कहते हुए तमाचा जड़ दिया कि यह वर्दी हमारी 'आन-बान-शान' है। हालांकि, इस घटना के बाद आक्रोशित भाजपाइयों के हुजूम ने पहले सिविल लाइन पुलिस चौकी का घेराव किया, बाद में नगर कोतवाली में धावा बोलकर काफी बवाल किया।
नगर पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) आलोक मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल और पुलिस अधीक्षक ने एक साथ सिविल लाइन पुलिस चौकी के आस-पास के सीसीटीवी फूटेज देखे हैं। जिसपर एक सिपाही भाजपा जिलाध्यक्ष के बेटे को तमाचा मारते दिख रहा है। उन्होंने कहा, "पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सिपाही राजेंद्र और विमलेश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।"
वहीं, निलंबित दोनों सिपाहियों ने कहा, "जब तक जयप्रकाश (भाजपा जिलाध्यक्ष का बेटा) हमारी बेइज्जती करता रहा, बर्दास्त किया लेकिन जब उसने वर्दी की तौहीन की तो गुस्से में उसे तमाचा मार दिया। वर्दी हमारी आन-बान-शान है और वर्दी पहनते समय हमें इसके लिए मर-मिटने की कसम खिलाई गई है।"
फौजदारी मामलों के बुजुर्ग अधिवक्ता रणवीर सिंह चौहान ने कहा, "अगर सिपाही ने वर्दी की हिफाजत में हल्का बल प्रयोग किया, तो इसमें कोई गलत बात नहीं है, लेकिन सत्तापक्ष के दबाव में उनका निलंबन किया जाना सरासर गलत है। ऐसे में तो वर्दी की कोई कद्र ही नहीं करेगा।"
उधर, भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अतुल मोहन द्विवेदी ने आरोप लगाया कि जब सोमवार की दोपहर शांतिपूर्ण तरीके से भाजपा के जिलास्तरीय पदाधिकारी नगर कोतवाली में अपना पक्ष रखने गए थे, तब सीओ सिटी आलोक मिश्रा ने अकारण लाठी चार्ज करवाया। उन्होंने कहा, "इससे करीब पांच-छह कार्यकर्ताओं को चोटे आईं हैं।"
हालांकि, सीओ ने लाठी चार्ज के आरोप को निराधार बताया है।
--आईएएनएस
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