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मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार गरीब वर्ग का उत्थान करने के लिए दृढ़ संकल्पित : सुभाष बराला

चंडीगढ़। हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार गरीब वर्ग का उत्थान करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
बराला ने आज महात्मा गाँधी की पुण्य तिथि पर नमन करते हुए कहा कि बापू के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता, उन्होंने देश की आजादी में जो योगदान दिया, उसका राष्ट्र हमेशा ऋणी रहेगा। गरीब वर्ग के प्रति गाँधी जी की बेमिसाल सोच थी। गाँधी ने आजादी के बाद गरीबों के उत्थान के लिए जो सपना देखा था उसको पूरा करने के लिए राज्य सरकार लगातार आठ साल से काम कर रही है।
सुभाष बराला ने बताया कि प्रदेश के सबसे गरीब परिवारों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना‘ चलाई जा रही है। इसके तहत सबसे गरीब परिवारों की पहचान करके उनकी वार्षिक आय कम से कम 1.80 लाख रुपये की जाएगी। इससे ज्यादा से ज्यादा परिवारों को गरीब कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसे 78 हजार परिवारों की आय बढ़ाने के लिए उनको स्वरोजगार के लिए ऋण व अन्य योजनाओं के माध्यम से सहायता दी गई है।
हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अधिक से अधिक गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने के लिए ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ का विस्तार करते हुए 21 नवम्बर, 2022 से चिरायु योजना लागू की है। इस योजना के तहत 1 लाख 80 हजार रुपये से कम वार्षिक आय वाले लगभग 13 लाख नए परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल गई है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां 500 प्रकार की दवाईयां और 319 प्रकार के ऑपरेशन मुफ्त करवाए जा रहे हैं। यही नहीं एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में हरियाणा को देश में प्रथम स्थान मिला है।
सुभाष बराला ने गरीब वर्ग के लिए आरम्भ की गई योजनाओं की आगे जानकारी देते हुए बताया कि अन्त्योदय परिवारों की स्वास्थ्य जांच के लिए 'निरोगी हरियाणा योजना' भी शुरू की है। जिन गरीब परिवारों की वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये वार्षिक से कम है, उन बेघर परिवारों का सर्वेक्षण कर उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर मकान दिये जाएंगे। इस योजना के तहत गरीबों के लिए मकान बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना‘ के तहत बी.पी.एल. परिवारों को 6 हजार रुपये वार्षिक सहायता दी जा रही है। ‘प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना’ के तहत रेहड़ी-फड़ी वालों को अपना काम शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये तक का ऋण दिया जा रहा है।
बराला ने आज महात्मा गाँधी की पुण्य तिथि पर नमन करते हुए कहा कि बापू के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता, उन्होंने देश की आजादी में जो योगदान दिया, उसका राष्ट्र हमेशा ऋणी रहेगा। गरीब वर्ग के प्रति गाँधी जी की बेमिसाल सोच थी। गाँधी ने आजादी के बाद गरीबों के उत्थान के लिए जो सपना देखा था उसको पूरा करने के लिए राज्य सरकार लगातार आठ साल से काम कर रही है।
सुभाष बराला ने बताया कि प्रदेश के सबसे गरीब परिवारों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए ‘मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना‘ चलाई जा रही है। इसके तहत सबसे गरीब परिवारों की पहचान करके उनकी वार्षिक आय कम से कम 1.80 लाख रुपये की जाएगी। इससे ज्यादा से ज्यादा परिवारों को गरीब कल्याण से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि अब तक ऐसे 78 हजार परिवारों की आय बढ़ाने के लिए उनको स्वरोजगार के लिए ऋण व अन्य योजनाओं के माध्यम से सहायता दी गई है।
हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अधिक से अधिक गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने के लिए ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ का विस्तार करते हुए 21 नवम्बर, 2022 से चिरायु योजना लागू की है। इस योजना के तहत 1 लाख 80 हजार रुपये से कम वार्षिक आय वाले लगभग 13 लाख नए परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल गई है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जहां 500 प्रकार की दवाईयां और 319 प्रकार के ऑपरेशन मुफ्त करवाए जा रहे हैं। यही नहीं एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में हरियाणा को देश में प्रथम स्थान मिला है।
सुभाष बराला ने गरीब वर्ग के लिए आरम्भ की गई योजनाओं की आगे जानकारी देते हुए बताया कि अन्त्योदय परिवारों की स्वास्थ्य जांच के लिए 'निरोगी हरियाणा योजना' भी शुरू की है। जिन गरीब परिवारों की वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये वार्षिक से कम है, उन बेघर परिवारों का सर्वेक्षण कर उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर मकान दिये जाएंगे। इस योजना के तहत गरीबों के लिए मकान बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना‘ के तहत बी.पी.एल. परिवारों को 6 हजार रुपये वार्षिक सहायता दी जा रही है। ‘प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना’ के तहत रेहड़ी-फड़ी वालों को अपना काम शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये तक का ऋण दिया जा रहा है।
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