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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में महिलाओं को हर क्षेत्र में मिल रहे बढ़ने के पर्याप्त अवसर

1.22 करोड़ महिलाओं निःशुल्क सैनिटरी नेपकिन वितरित-
महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दृष्टि से राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया गया है। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत ढाई लाख गर्भवती महिलाओं को क्यूआर कोड जनित कूपन जारी किए गए जिससे महिलाओं को निःशुल्क सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध हुई। साथ ही, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 35 लाख से अधिक लाभार्थियों को प्रतिमाह पूरक पोषाहार सेवा से लाभान्वित किया गया। इसमें 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों एवं गर्भवती-धात्री महिलाओं को माईक्रो न्यूट्रियन्ट फोर्टिफाईड रेसिपियां उपलब्ध करवायी जा रही है। मुख्यमंत्री मातृत्व पोषण योजना, 1.22 करोड़ महिलाओं को निःशुल्क सैनिटरी नेपकिन वितरण, ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यरत मानदेय कर्मी साथिन के मानदेय में 10 प्रतिशत वृद्धि जैसे कार्यों से महिलाओं को बड़ी राहत मिली है।
राज्य सरकार महिलाओं को दे रही विशेष रियायतें-
राज्य सरकार विभिन्न अवसरों पर महिलाओं को रोडवेज बसों में विशेष छूट भी देती है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 12.78 लाख महिला यात्रियों को तथा रक्षाबंधन पर 7.48 लाख महिला यात्रियों को निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की गई। मुख्यमंत्री की एक अनूठी पहल पर प्रदेश की लगभग 1,400 से अधिक वीरांगनाओं के सम्मान में इस वर्ष रक्षा बंधन के पर्व पर प्रत्येक वीरांगना को भेंट स्वरूप श्रीफल, शाॅल, मिठाई एवं 2,100 रूपये नगद राशि दी गई।
बालिकाओं को 39 हजार से अधिक स्कूटियों का किया गया वितरण-
शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को राज्य सरकार अनेक प्रोत्साहन देकर सशक्त कर रही है। गार्गी पुरस्कार योजना, बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना, मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना, आपकी बेटी योजना, मूक, बधिर एवं नेत्रहीन बालिकाओं हेतु आर्थिक सबलता पुरस्कार योजना जैसी अनेक योजनाओं से प्रदेश में बालिकाएं लाभान्वित हो रही हैं। राज्य सरकार द्वारा कालीबाई उच्च शिक्षा स्कूटी योजना एवं देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना के अन्तर्गत 39 हजार से अधिक स्कूटियों का वितरण किया गया है।
महिलाओं को मिल रहे विकास के समान अवसर-
प्रदेश के विकास में महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए राजकीय महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु छात्राओं के लिये सत्र 2024-25 से 30 प्रतिशत सीटें क्षैतिज रूप में आरक्षित की गई। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना, राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना आदि योजनाओं में लाखों महिलाओं को आर्थिक राहत दी गई हैं। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, कृषि संकाय में उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन, 10.51 लाख साइकिलों का वितरण, आवासीय संस्थानों के मैस भत्ते की राशि, मुख्यमंत्री नारी शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजनाके अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम सहित विभिन्न कार्यक्रम एवं योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत 1.17 लाख बालिकाओं के जन्मोत्सव-
राज्य में बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने तथा उनके स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक स्तर में सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘‘लाडो प्रोत्साहन योजना’’ प्रारम्भ की गई। इसके तहत गरीब परिवार को बालिका के जन्म पर 1.50 लाख रुपये का सेविंग बॉण्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 4.18 लाख बालिकाओं को प्रथम किश्त से लाभान्वित किया जा चुका है। साथ ही, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत 1.17 लाख बालिकाओं के जन्मोत्सव मनाए गए।
181 महिला हेल्पलाइन से हजारों महिलाओं को मिली त्वरित सहायता-
महिला सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी क्रम में राज्य में चयनित पुलिस थानों में महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। साथ ही, महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्रों पर 62 हजार प्रकरणों में पीडित महिलाओं को आवश्यक सहायता व परामर्श प्रदान किया गया। इसी तरह 50 सखी केन्द्रों में 18 हजार 270 प्रकरणों में तथा महिला हेल्पलाईन-181 के माध्यम से 21 हजार 766 प्रकरणों में महिलाओं को आवश्यक तथा त्वरित सहायता प्रदान की गई। राज्य में सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं की रोकथाम के लिए एवं बच्चियों तथा महिलाओं को भयमुक्त वातावरण देने के लिए राज्य में 500 ’कालिका पेट्रोलिंग यूनिट’ के गठन किया गया।
महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने उठाए कई कदम-
महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार ने कई निर्णय लिए हैं। महिला निधि के माध्यम से 31,053 स्वयं सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराया गया। लखपति दीदी योजना के तहत प्रदेश में 18.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी का प्रशिक्षण दिया गया तथा लगभग 11 लाख महिलाओं को लखपति दीदी की श्रेणी में लाया गया। योजना के क्रियान्वयन में राजस्थान के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने इसे डिजिटल आजीविका रजिस्टर प्रविष्टियों के लिए भारत के शीर्ष दो राज्यों में स्थान दिलवाया है। अमृता हाट, मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों का मुख्य आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में क्रमोन्नत, स्वयं सहायता समूहों के लिए आजीविका संवर्धन के लिए राशि उपलब्ध करवाने, महिलाओं को उन्नत कृषि तकनीकी के तहत ड्रोन संचालन प्रशिक्षण जैसे कार्यों से महिलाओं में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिला है। साथ ही, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम- जनमन) के अंतर्गत बारां जिले में 90 पीवीटीजी वन धन विकास केन्द्रों का गठन किया गया, जिसके अंतर्गत सहरिया जनजाति की 15 हजार 878 महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री की पहल पर राज्य सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक अंचल में महिला सशक्तीकरण पर फोकस किया है। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के विकास के लिए किए जा रहे निरन्तर निर्णयों से उनके पंखों को उडान मिली है तथा वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है। इसी आधी आबादी की पूर्ण सहभागिता से उत्कृष्ट एवं समृद्ध राजस्थान की परिकल्पना को पूरा किया जा सकेगा।
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