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ताऊ के घर सन्नाटा, भतीजे के यहां रौनक, बधाईयों का तांता
श्री
मुक्तसर साहिब। चुनाव के पहले जहां पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल
परिवार के घर त्यौहारों पर भीडभाड़ रहती थी, वहीं अब सन्नाटा छाया हुआ है।
दूसरी तरफ उनके भतीजे और कांग्रेस से चुने गए विधायक मनप्रीत बादल के घर
बधाई देने वालों की भीड़ लगी हुई है।
सोमवार को प्रकाश सिंह बादल के निवास के द्वार के बाहर गाड़ियों, सुरक्षा कर्मियों और खचाखच भरे रहने वाले स्थान पर बहुत मामूली लोग आ रहे थे। रविवार को तो परिंदा भी नजर नहीं आ रहा था। दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। मुख्यमंत्री बादल सुबह ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने घर से निकल गए थे। हालांकि इससे पहले गांव मान के सरपंच तेजा सिंह समेत कुछ गांवों के सरपंचों ने ही उनसे मुलाकात की। इसके अलावा लंबी क्षेत्र का कोई भी अकाली नेता उनके निवास पर नहीं पहुंचा।वहीं, बठिंडा विधानसभा हलके से विधायक चुने गए उनके भतीजे मनप्रीत सिंह बादल व भाई गुरदास सिंह बादल के निवास पर बधाइयां देने वालों का तांता खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। गुरदास बादल के निवास को यह दिन करीब छह साल बाद नसीब हुए हैं। घर पर ढोल बजते रहे और गुलाल खेला जाता रहा। उनके पिता गुरदास बादल व पत्नी वीनू बादल को बधाइयां देने के होड़ मची हुई थी।विधायक बनने के बाद मनप्रीत बादल देर रात को घर पर पहुंचे और सुबह करीब आठ बजे फिर से विधायक दल की बैठक के लिए चंडीगढ़ को रवाना हो गए। उनके निवास पर सुबह फिर से बधाइयां देने वालों का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह दस बजे तक गुरदास बादल व उनकी पत्नी वीनू बादल के आगे गुलदस्तों का अंबार लग चुका था। उनके निवास पर लोगों के आने का सिलसिला लगातार देर शाम तक बना रहा।
सोमवार को प्रकाश सिंह बादल के निवास के द्वार के बाहर गाड़ियों, सुरक्षा कर्मियों और खचाखच भरे रहने वाले स्थान पर बहुत मामूली लोग आ रहे थे। रविवार को तो परिंदा भी नजर नहीं आ रहा था। दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। मुख्यमंत्री बादल सुबह ही राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने घर से निकल गए थे। हालांकि इससे पहले गांव मान के सरपंच तेजा सिंह समेत कुछ गांवों के सरपंचों ने ही उनसे मुलाकात की। इसके अलावा लंबी क्षेत्र का कोई भी अकाली नेता उनके निवास पर नहीं पहुंचा।वहीं, बठिंडा विधानसभा हलके से विधायक चुने गए उनके भतीजे मनप्रीत सिंह बादल व भाई गुरदास सिंह बादल के निवास पर बधाइयां देने वालों का तांता खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। गुरदास बादल के निवास को यह दिन करीब छह साल बाद नसीब हुए हैं। घर पर ढोल बजते रहे और गुलाल खेला जाता रहा। उनके पिता गुरदास बादल व पत्नी वीनू बादल को बधाइयां देने के होड़ मची हुई थी।विधायक बनने के बाद मनप्रीत बादल देर रात को घर पर पहुंचे और सुबह करीब आठ बजे फिर से विधायक दल की बैठक के लिए चंडीगढ़ को रवाना हो गए। उनके निवास पर सुबह फिर से बधाइयां देने वालों का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह दस बजे तक गुरदास बादल व उनकी पत्नी वीनू बादल के आगे गुलदस्तों का अंबार लग चुका था। उनके निवास पर लोगों के आने का सिलसिला लगातार देर शाम तक बना रहा।
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