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बाड़मेर में जुड़वा भाइयों का एक ही चिता पर किया गया अंतिम संस्कार

जयपुर । राजस्थान के बाड़मेर जिले
में अलग-अलग राज्यों में सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पर रहने वाले जुड़वा
भाइयों, जिनकी मौत एक जैसी परिस्थितियों में हुई थी, का एक ही चिता पर
अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सरनोन का ताला गांव में हुई दर्दनाक घटना के बाद से मातम पसर गया है।
सुमेर और 26 वर्षीय सोहन का गुरुवार को एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।
सुमेर सिंह, जो सूरत में काम करता था, मंगलवार को फोन पर बात करते समय अपना संतुलन खो बैठा और छत से गिर गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बुधवार को उसका पार्थिव शरीर उसके पैतृक गांव लाया गया।
सोहन सिंह, जो जयपुर में ग्रेड 2 शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहा था, को उसके पिता बाबूसिंह के खराब स्वास्थ्य के बहाने घर बुलाया गया था।
गुरुवार की सुबह जब सोहन सिंह घर से 100 मीटर दूर टंकी से पानी लेने गया था तो टंकी में गिर गया। काफी देर तक जब वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश की तो टंकी में उसका शव देखकर कोहराम मच गया। बाद में ग्रामीणों ने सोहन के शव को बाहर निकाला।
ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि दोनों भाइयों में गहरा रिश्ता था। उन्होंने अपनी पढ़ाई एक साथ पूरी की।
ग्रामीणों ने कहा कि सुमेर सिंह पढ़ाई में अच्छा नहीं था, लेकिन उसने सोहन को कड़ी मेहनत करने और शिक्षक की नौकरी पाने के लिए प्रोत्साहित किया।
--आईएएनएस
सरनोन का ताला गांव में हुई दर्दनाक घटना के बाद से मातम पसर गया है।
सुमेर और 26 वर्षीय सोहन का गुरुवार को एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।
सुमेर सिंह, जो सूरत में काम करता था, मंगलवार को फोन पर बात करते समय अपना संतुलन खो बैठा और छत से गिर गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बुधवार को उसका पार्थिव शरीर उसके पैतृक गांव लाया गया।
सोहन सिंह, जो जयपुर में ग्रेड 2 शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहा था, को उसके पिता बाबूसिंह के खराब स्वास्थ्य के बहाने घर बुलाया गया था।
गुरुवार की सुबह जब सोहन सिंह घर से 100 मीटर दूर टंकी से पानी लेने गया था तो टंकी में गिर गया। काफी देर तक जब वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश की तो टंकी में उसका शव देखकर कोहराम मच गया। बाद में ग्रामीणों ने सोहन के शव को बाहर निकाला।
ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि दोनों भाइयों में गहरा रिश्ता था। उन्होंने अपनी पढ़ाई एक साथ पूरी की।
ग्रामीणों ने कहा कि सुमेर सिंह पढ़ाई में अच्छा नहीं था, लेकिन उसने सोहन को कड़ी मेहनत करने और शिक्षक की नौकरी पाने के लिए प्रोत्साहित किया।
--आईएएनएस
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