Tributes paid to former Prime Minister late Indira Gandhi in Shahpur-m.khaskhabar.com
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शाहपुर में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी को किया नमन

khaskhabar.com : रविवार, 19 नवम्बर 2023 6:50 PM (IST)
शाहपुर में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी को किया नमन
शाहपुर। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 105 वीं जयंती के मौके पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।इस दौरान विधायक केवल सिंह पठानिया विशेष रूप से मौजूद रहे।कांग्रेस कार्यालय रैत में आयोजित सादे कार्यक्रम में विधायक केवल सिंह पठानिया, ब्लॉक अध्यक्ष सुरजीत राणा, वरिष्ठ नेता देव दत्त शर्मा ,महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव सरिता सैनी, ज़िला परिषद सदस्य नीना ठाकुर,प्रदीप बलौरिया,रीना पठानिया, राजेश्वरी लक्कू,अजय शर्मा बबली, सरोसी परमार,सुरेश पटाकू,सुषमा देवी,सीमा देवी,राधा पठानिया,ज्योति बाला,कुसम लता,अनिता देवी, महिला, युवा कांग्रेस व पार्टी के तमाम अग्रिम संगठनों के अध्यक्षों व पदाधिकारियों ने इंदिरा गांधी की तस्वीर के आगे पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।इस दौरान शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने इंदिरा गांधी की उपलब्धियों को याद करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से उनके पद चिन्हों पर चलने का आहवान किया।उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी का हिमाचल प्रदेश से विशेष लगाव रहा है।इंदिरा गांधी ने एक-दो नहीं, बल्कि ढेरों ऐसे मौके दिए,जब हिमाचल प्रदेश की जनता ने सराहा। साल 1971 में 25 जनवरी का वह ऐतिहासिक दिन आज भी हिमाचल प्रदेश की स्मृति में है, जब हाड़ कंपा देने वाली ठंड और बर्फ के फाहों के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की घोषणा की थी।उन्होंने कहा कि अगर इंदिरा गांधी ने बड़ा दिल रखते हुए हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया होता तो,आज कांगड़ा सहित निचले हिमाचल लोग पिछड़े रह जाते।


उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की बदौलत ही साल 1971 में 2 से 3 जुलाई की दरमियानी रात को 12 बजकर 40 मिनट पर भारत-पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था। यह भारत की दूसरी जीत थी।दूसरी जीत इसलिए क्योंकि पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान को बुरी तरह परास्त किया था।दूसरी जीत इंदिरा गांधी के उस राजनीतिक कौशल की, जिसने पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो को शिमला समझौता पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। साल 1971 में शिमला समझौते के दौरान भी इंदिरा गांधी कई दिनों तक शिमला में ही रही थीं।इसके बाद विधायक ने अपने कार्यालय में लोगों की समस्याएं भी सुनी तथा कईयों का मौके पर ही निपटारा भी कर दिया

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