Tones scattered in Fiza, colors emerged on canvas, canvas session with ghazals of the fair fascinated the mind-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Mar 29, 2024 4:13 pm
Location
Advertisement

फिजा में बिखरे सुर, केनवास पर उभरे रंग, मेला के गजल संग केनवास सत्र ने मोहा मन

khaskhabar.com : शनिवार, 25 मार्च 2023 5:26 PM (IST)
फिजा में बिखरे सुर, केनवास पर उभरे रंग, मेला के गजल संग केनवास सत्र ने मोहा मन
तीसरा दिन रहा उर्दू भाषा के सत्रों के नाम

उदयपुर। सुखाडिया विवि का बप्पा रावल सभागार शनिवार को सुरों और रंगो के अद्भुत संगम का गवाह बना। गायकों ने गजल के सुर बहाए तो चित्रकारों ने केनवास पर कूंची से रंग बिखेरे। मौका था मौलिक संस्था और सुखाडिया विवि के राजस्थानी विभाग के साझे में राजस्थान साहित्य अकादमी, उर्दू अकादमी और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहयोग से आयोजित हुए।

भाषा, साहित्य व कला के आयोजन मेला के तीसरे दिन "ग़ज़ल संग केनवास" सत्र का। मौलिक के संस्थापक शिवराज सोनवाल ने बताया कि इस सत्र में चित्रकारों की ओर बनाए गए चित्रों की नीलामी करेंगे और उससे प्राप्त होने वाली धनराशि शिक्षा के क्षेत्र में वंचित बच्चों की सहायतार्थ प्रशासन को भेंट किया जाएगा।



मौलिक के संस्थापक शिवराज सोनवाल ने बताया कि मेला का तीसरा दिन उर्दू भाषा के नाम रहा। प्रातःकालीन सत्र में शायरी कल, आज और कल विषय पर महेंद्र मोदी, अश्विनी मित्तल, अब्दुल जब्बार, हदीस अंसारी, एम आई ज़ाहिर व डॉ सरवत खान ने अपने विचार रखे। दूसरे सत्र में प्रसिद्ध वेब सीरीज के निर्माता वैभव मोदी ने सिनेमा में हिंदी–उर्दू की नजदीकियों पर विस्तार से चर्चा की। उनसे रजत मेघनानी ने बात की।


"दिल से दिल तक" सत्र में अश्विनी मित्तल ने"एक दूजे के सामने काटे जाते हैं, हम इंसान भी बिल्कुल पेड़ों जैसे हैं.." से शुरुआत कर अपने शेर और मिसरों से श्रोताओं का दिल जीत लिया।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

1/4
Advertisement
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
Advertisement
Advertisement