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पेयजल की बर्बादी को रोकने के लिए पाइप लाइनों में एक लाख टोटिंया लगेंगी
झज्जर। जल ही जीवन है, जल की बर्बादी को
रोकना परमार्थ का कार्य है। प्रदेश के सभी नागरिक जल बर्बाद न करें तो
पेयजल की कमी नहीं खलेगी।
हरियाणा के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने जिला झज्जर के गांव सुरहेती में पेयजल आपूर्ति पाइप लाइन पर टोंटी लगाते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक सर्वे के मुताबित प्रदेश में लगभग एक चौथाई पेयजल बर्बाद हो रहा है। पंचायत मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए तरूण (ग्रवित) ने प्रदेश भर में जल संरक्षण की मुहिम शुरू करते हुए एक लाख टोंटी लगाने का लक्ष्य रखा है। उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ग्रवित की मुहिम को सफल बनाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग को इस नेक मुहिम में सक्रिय रूप से भागीदार बनने के निर्देश दिए हैं।
धनखड़ ने इससे पहले झज्जर में ग्रवित की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि प्रदेश की पौने तीन करोड़ जनसंख्या के लिए प्रतिदिन लगभग 484 करोड़ लीटर पानी सप्लाई किया जा रहा है। एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार कुल आपूर्ति का लगभग एक चौथाई यानि 121 करोड़ लीटर जल प्रतिदिन बर्बाद हो जाता है, जिसका मुख्य कारण पेयजल आपूर्ति के समय खुले पाइप रहना है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सामाजिक बोध के साथ कार्य कर रहे ग्रवित युवाओं ने टोंटी लगाने का कार्य शुरू किया है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। जिन गांवों में टोंटी लगाने का कार्य पूरा हो चुका है उन गांवों में पेयजल आपूर्ति अक्षतम टोंटी तक पंहुच रही है।
हरियाणा के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने जिला झज्जर के गांव सुरहेती में पेयजल आपूर्ति पाइप लाइन पर टोंटी लगाते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि एक सर्वे के मुताबित प्रदेश में लगभग एक चौथाई पेयजल बर्बाद हो रहा है। पंचायत मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए तरूण (ग्रवित) ने प्रदेश भर में जल संरक्षण की मुहिम शुरू करते हुए एक लाख टोंटी लगाने का लक्ष्य रखा है। उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ग्रवित की मुहिम को सफल बनाने के लिए जन स्वास्थ्य विभाग को इस नेक मुहिम में सक्रिय रूप से भागीदार बनने के निर्देश दिए हैं।
धनखड़ ने इससे पहले झज्जर में ग्रवित की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि प्रदेश की पौने तीन करोड़ जनसंख्या के लिए प्रतिदिन लगभग 484 करोड़ लीटर पानी सप्लाई किया जा रहा है। एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार कुल आपूर्ति का लगभग एक चौथाई यानि 121 करोड़ लीटर जल प्रतिदिन बर्बाद हो जाता है, जिसका मुख्य कारण पेयजल आपूर्ति के समय खुले पाइप रहना है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सामाजिक बोध के साथ कार्य कर रहे ग्रवित युवाओं ने टोंटी लगाने का कार्य शुरू किया है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। जिन गांवों में टोंटी लगाने का कार्य पूरा हो चुका है उन गांवों में पेयजल आपूर्ति अक्षतम टोंटी तक पंहुच रही है।
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