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किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि के साथ झींगा मछली पालन की तरफ भी ध्यान देना होगा - कृषि मंत्री

चण्डीगढ । हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी.दलाल ने
कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र के साथ-साथ मत्स्य पालन,
विशेषकर झींगा मछली के पालन की तरफ अधिक ध्यान देना होगा और इसके लिए अगले
दो वर्ष में 10 हजार किसानों को तैयार किया जाना आवश्यक है।
झींगा मछली भंडारण के लिए ऐसे गोदामों की व्यवस्था भी होनी चाहिए, जहां पर काफी समय तक इसको रख सकें। उन्होंने कहा कि पशुधन के लिए ज्यादा से ज्यादा ऋण देने होंगें और प्रदेश की चीनी मिलों में एथेनाॅल प्लांट लगाने के लिए प्रयास करने होंगें इस के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है।
दलाल ने यह बात नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार वर्ष 2023-24 हरियाणा के दौरान कही।
उन्होंने हरियाणा प्रदेश के लिए नाबार्ड द्वारा तैयार वर्ष 2023-24 की स्टेट फोकस पेपर को जारी करते हुए कहा कि हरियाणा के प्राथमिक क्षेत्रों के लिए 1,71,60,441 करोड रूपये का ऋण अनुमान हैं, जो गत वर्ष की तुलना में 6.48 प्रतिशत अधिक है। कृषि से सम्बधित मुदों पर बैंक अधिकारियों और सम्बंधित विभागों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में गिरते जल स्तर में गिरावट को देखते हुए कृषि विविधीकरण और सूक्ष्म सिंचाई की अधिक आवश्यकता है। बैंक ऋण द्धारा सामाजिक अवसंरचना और अन्य क्षेत्रों की ओर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि फसल उत्पादन, रखरखाव और विपणन, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए निवेश, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, निर्यात ऋण, शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, बैंक ऋण द्धारा सामाजिक अवसंरचना और अन्य क्षेत्रों की ओर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। श्री दलाल ने कहा कि नाबार्ड की स्टेट फोकस पेपर को आधार बनाते हुए कृषि और एमएसएमई क्षेत्र के लिए बेहतर आधार संरचना उपलब्ध करवाने के लिए परियोजनाएं बनाकर निर्धारित समय के अंदर इन्हें क्रियान्वित करना होगा।
उन्होंने कहा कि “कृषि में पूंजी निर्माण” को बढ़ावा देने तथा समाज के अंतिम व्यक्ति तक संस्थागत वित्तीय सेवाओं की आसान पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए नाबार्ड प्रतिवर्ष हरियाणा राज्य में विद्यमान भौतिक और वित्तीय संसाधनों के आधार पर प्रत्येक जिले के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) तैयार करता है। नाबार्ड के सहयोग से किसानो का कृषि क्षेत्र में विकास हुआ है।
कृषि मे आत्मनिर्भरता और किसानों की आय बढ़ाने पर अधिक जोर
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी कृषि में आत्मनिर्भरता और किसानों की आय में तेजी से वृद्धि सुनिश्चित करने लिए किसान उत्पादक संगठन, कृषि स्टार्ट-अप, कृषि में टेक्नोलोजी का प्रयोग, मार्केटिंग आधार-संरचना का आधुनिकीकरण, एक देश एक फर्टिलाइजर “भारत”, नैनो यूरिया आदि पहलों पर जोर दे रहे हैं। इस दिशा में, सरकार द्वारा कृषि और संबंधित क्षेत्रों में उत्पादन तथा उत्पादकता बढाने के उद्देश्य से कृषि आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु, “कृषि अवसंरचना निधि”, ‘‘ऑपरेशन ग्रीन्स’’, कृषक उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहन, सुलभ एवं पारदर्शी बाजार के लिए ‘ई-नैम’, “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना”, “परंपरागत कृषि विकास योजना”, कृषि निर्यात का उदारीकरण जैसी आवश्यक नीतिगत पहलें की गई हैं।
प्रदेश सरकार ने कृषि में विविधीकरण एवं किसानों की आय में वृद्धि के लिए उठाए कई कदम
दलाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कृषि में विविधीकरण एवं किसानों की आय में वृद्धि हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें मशीन हायरिंग केन्द्रों की स्थापना, प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा, प्रमाणीकरण, ब्रांडिंग व पैकेजिंग के लिए 100 क्लस्टरों की स्थापना हेतु वित्तीय सहायता, ताजे फलों व सब्जियों के लिए 100 पैकहाउसों की स्थापना, 100 एफपीओ का गठन, उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए है।
झींगा मछली भंडारण के लिए ऐसे गोदामों की व्यवस्था भी होनी चाहिए, जहां पर काफी समय तक इसको रख सकें। उन्होंने कहा कि पशुधन के लिए ज्यादा से ज्यादा ऋण देने होंगें और प्रदेश की चीनी मिलों में एथेनाॅल प्लांट लगाने के लिए प्रयास करने होंगें इस के लिए राज्य सरकार प्रयास कर रही है।
दलाल ने यह बात नाबार्ड द्वारा आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार वर्ष 2023-24 हरियाणा के दौरान कही।
उन्होंने हरियाणा प्रदेश के लिए नाबार्ड द्वारा तैयार वर्ष 2023-24 की स्टेट फोकस पेपर को जारी करते हुए कहा कि हरियाणा के प्राथमिक क्षेत्रों के लिए 1,71,60,441 करोड रूपये का ऋण अनुमान हैं, जो गत वर्ष की तुलना में 6.48 प्रतिशत अधिक है। कृषि से सम्बधित मुदों पर बैंक अधिकारियों और सम्बंधित विभागों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में गिरते जल स्तर में गिरावट को देखते हुए कृषि विविधीकरण और सूक्ष्म सिंचाई की अधिक आवश्यकता है। बैंक ऋण द्धारा सामाजिक अवसंरचना और अन्य क्षेत्रों की ओर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि फसल उत्पादन, रखरखाव और विपणन, कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए निवेश, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, निर्यात ऋण, शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, बैंक ऋण द्धारा सामाजिक अवसंरचना और अन्य क्षेत्रों की ओर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा। श्री दलाल ने कहा कि नाबार्ड की स्टेट फोकस पेपर को आधार बनाते हुए कृषि और एमएसएमई क्षेत्र के लिए बेहतर आधार संरचना उपलब्ध करवाने के लिए परियोजनाएं बनाकर निर्धारित समय के अंदर इन्हें क्रियान्वित करना होगा।
उन्होंने कहा कि “कृषि में पूंजी निर्माण” को बढ़ावा देने तथा समाज के अंतिम व्यक्ति तक संस्थागत वित्तीय सेवाओं की आसान पहुँच को सुनिश्चित करने के लिए नाबार्ड प्रतिवर्ष हरियाणा राज्य में विद्यमान भौतिक और वित्तीय संसाधनों के आधार पर प्रत्येक जिले के लिए संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) तैयार करता है। नाबार्ड के सहयोग से किसानो का कृषि क्षेत्र में विकास हुआ है।
कृषि मे आत्मनिर्भरता और किसानों की आय बढ़ाने पर अधिक जोर
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी कृषि में आत्मनिर्भरता और किसानों की आय में तेजी से वृद्धि सुनिश्चित करने लिए किसान उत्पादक संगठन, कृषि स्टार्ट-अप, कृषि में टेक्नोलोजी का प्रयोग, मार्केटिंग आधार-संरचना का आधुनिकीकरण, एक देश एक फर्टिलाइजर “भारत”, नैनो यूरिया आदि पहलों पर जोर दे रहे हैं। इस दिशा में, सरकार द्वारा कृषि और संबंधित क्षेत्रों में उत्पादन तथा उत्पादकता बढाने के उद्देश्य से कृषि आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु, “कृषि अवसंरचना निधि”, ‘‘ऑपरेशन ग्रीन्स’’, कृषक उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहन, सुलभ एवं पारदर्शी बाजार के लिए ‘ई-नैम’, “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना”, “परंपरागत कृषि विकास योजना”, कृषि निर्यात का उदारीकरण जैसी आवश्यक नीतिगत पहलें की गई हैं।
प्रदेश सरकार ने कृषि में विविधीकरण एवं किसानों की आय में वृद्धि के लिए उठाए कई कदम
दलाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कृषि में विविधीकरण एवं किसानों की आय में वृद्धि हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें मशीन हायरिंग केन्द्रों की स्थापना, प्राकृतिक एवं जैविक खेती को बढ़ावा, प्रमाणीकरण, ब्रांडिंग व पैकेजिंग के लिए 100 क्लस्टरों की स्थापना हेतु वित्तीय सहायता, ताजे फलों व सब्जियों के लिए 100 पैकहाउसों की स्थापना, 100 एफपीओ का गठन, उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना जैसे अनेक कदम उठाए गए है।
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