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गौरीगंज से अयोध्या प्रभु श्रीराम के दर्शन पदयात्रा में सदर विधायक राकेश प्रताप सिंह की तीसरे दिवस की पदयात्रा
पद्यात्रा में क्षेत्रीय जन समुदाय का सैलाब उमड़ पड़ा है और स्थानीय नेतागण जगह-जगह जलपान स्टाल लगाकर पदयात्रियों को जलपान करा रहे हैं। इसी क्रम में प्रधान प्रतिनिधि बिंदू सिंह और राजेश सिंह ने दोपहर के भोजन की व्यवस्था की, ताकि राम भक्तों को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
"जो लोग सनातन धर्म का अपमान करते हैं, रामायण की प्रतियाँ जलवाने का काम करते हैं और हमारे धर्म पर सवाल उठाते हैं, वे इस यात्रा के माध्यम से राम भक्तों का मुंहतोड़ जवाब सुनेंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्हें जनता का अपार स्नेह और आशीर्वाद मिल रहा है, और वह चाहते हैं कि इसी तरह राम काज में सभी का सहयोग और समर्थन मिलता रहे।
"राम काज किन्हें बिन मोहि कहाँ विश्राम," यह प्रसिद्ध पंक्ति राकेश प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में उद्धृत की, जो राम काज में उनकी निरंतर सक्रियता और समर्पण का प्रतीक बन गई है।
राकेश प्रताप सिंह ने आगे कहा, "उत्तर प्रदेश में सदर विधायक गौरीगंज के रूप में मैं पहला विधायक हूँ, जिनके साथ राजनेता, किसान, मजदूर और हजारों महिला-पुरुष इस ऐतिहासिक पदयात्रा में शामिल हुए हैं।"
पद्यात्रा में उमड़ी जनसैलाब और लोग जिस श्रद्धा और विश्वास के साथ इस यात्रा में भाग ले रहे हैं, वह इस आयोजन की विशालता और महत्व को दर्शाता है।
अमेठी के सदर विधायक राकेश प्रताप सिंह की यह पदयात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह सामाजिक एकता और धार्मिक सहिष्णुता का भी प्रतीक बन रही है। राम के प्रति आस्था और जनसमूह की ताकत को देखकर यह स्पष्ट है कि यह यात्रा आने वाले समय में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगी।
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