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बिगड़ी मौसम की चाल,खांसी-जुकाम, बुखार से लोग हुए बेहाल, अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी
हालात ये बने है कि सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दाखिल करने की जगह तक नहीं बची है। फिलहाल लोग प्राइवेट अस्पतालों की तरह भाग रहे है। रोजाना बुखार से पीड़ितों की संख्या में बढौतरी हो रही है। दिवाली के बाद हलकी सी ठंड शुरू हुई,लेकिन उसके दो तीन दिनों बाद फिर से दिन में गर्मी होने लगी। मच्छरों की भरमार भी हो गई।
मौसम में एकदम आए बदलाव की वजह से खांसी, जुकाम के अलावा वायरल, चिकनगुनिया बुखार के मरीजों की संख्या बढी है। हालात ये बने है कि सरकारी अस्पतालों में रोजाना सौ से डेढ सौ तक के मरीज पहुंच रहे है। इससे ज्यादा मरीजों की संख्या निजी अस्पतालों में है। सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में मरीजों की बारी घंटो तक इंतजार करने के बाद आ रही है। शायद ही कोई गली-मोहल्ला या घर ऐसा होगा, जहां पर बुखार या वायरल से पीडि़त कोई व्यक्ति न हो।
मौसम के बदलाव के साथ साथ डेंगू मच्छर का डंक लगातार तिखा होता जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से निपटने की सारी तैयारी पूरी की हुई है,डेंगू से पीडि़तों को दाखिल करने व इलाज के लिए अलग से वार्ड का गठन किया हुआ है,लेकिन उसके बावजूद रोजाना से दो से तीन मरीज पहुंच रहे है। इतने ही मरीज ठीक भी हो रहे है,लेकिन रोजाना डेंगू के मरीज आना चिंता का कारण बन रहा है।
एसएमओ डॉ. यतीन गुप्ता ने बताया कि बारिश रूकने के बाद वायरल, खासी जुकाम, बुखार व डेंगू आदि मच्छर के काटने से फैलते है। फिलहाल ज्यादा खांसी व जुकाम के मरीजों की संख्या आ रही है,लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों को बेहतरीन इलाज के लिए व्यवस्था मुक्कल की हुई है। डेंगू से पीडि़त के लिए अलग से वार्ड का गठन किया हुआ है। जो भी व्यक्ति डेंगू से पीडि़त आता है तो उसको तत्काल दाखिल करके उपचार दिया जाता है। प्लेटलेट की भी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।
साफ पानी में पनपता है डेंगू फैलाने वाला मच्छरः
मलेरिया व अन्य बुखार फैलाने वाला मच्छर गंदे या ठहरे हुए पानी में पनपते है,लेकिन डेंगू फैलाने वाला मच्छर साफ पानी में पनपता है। उक्त मच्छर की पनपने की जगह खासकर फ्रीज की ट्रे, कूलर का पानी, टायरों व टयूब में जमा पानी है। इसी पानी की सतह पर मच्छर अंडे देता है, जो कि लारवा के बाद पूर्ण मच्छर बन जाते है। दिन के उजियारा में यह मच्छर काटते है। ये मच्छर ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ सकते और ये तीन फुट तक ही उड़कर मनुष्य को काटते है।
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