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पर्यटन नगरी उदयपुर में तय होगा देश भर के पर्यटन विकास का रोडमैप

कांफ्रेन्स के दूसरे दिन पश्चिमी एवं मध्य क्षेत्र के राज्य/केंद्रशासित प्रदेश गोवा, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश अपने अनुभव साझा करेंगे। इसके साथ ही पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्य/केंद्रशासित प्रदेश बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और असम भी प्रस्तुति देंगे। दोपहर बाद के सत्र में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्यों मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम की प्रस्तुतियाँ होंगी। इसके अलावा शाम को “राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के साथ परामर्श बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें भारत को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन बाजारों में एक समग्र पर्यटन गंतव्य के रूप में प्रस्तुत करने हेतु ड्राफ्ट इंटीग्रेटेड टूरिज्म प्रमोशन स्कीम के दिशा-निर्देशों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। “सस्टेनेबल टूरिज्म डेवलपमेंट पर शिखर सम्मेलन के संबंध में राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी।कार्यक्रम का समापन सत्र बुधवार शाम 530 होगा।
लाइजनिंग अधिकारियों की बैठक
पर्यटन मंत्रालय की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस की तैयारियों को लेकर सोमवार सुबह कलक्ट्रेट सभागार में जिला कलक्टर के निर्देशन में लाइजनिंग अधिकारियों की बैठक हुई। एडीएम सिटी जितेंद्र ओझा ने कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वाले केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों, केंद्रीय मंत्रियों एवं विभिन्न राज्यों के पर्यटन मंत्रियों के आगमन, स्वागत, आवास, परिवहन तथा आयोजन स्थल तक पहुंचाने की व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की। एडीएम सिटी ने संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपते हुए सभी व्यवस्थाएं समय पर और सुव्यवस्थित तरीके से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह आयोजन उदयपुर की पर्यटन, संस्कृति और आतिथ्य परंपरा को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर है, इसलिए प्रत्येक व्यवस्था उत्कृष्ट स्तर की होनी चाहिए। बैठक में पर्यटन उपनिदेशक शिखा सक्सेना सहित सभी लाइजनिंग अधिकारी उपस्थित रहे।
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