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नोटबंदी का उद्देश्य था धनकुबेर दोस्तों के काले धन को सफेद करना - तंवर

फतेहाबाद । हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर के नेतृत्व में नोटबंदी के फैसले के विरोध में लघु सचिवालय, फतेहाबद के बाहर रोष धरना दिया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. तंवर ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा हरियाणा के सभी जिला मुख्यालयों पर आज धरने देकर रोष व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दो वर्ष पहले अचानक और अकारण नोटबंदी की घोषणा करके देश को जिस आपदा में डाला था उसके परिणामस्वरूप देशवासियों को आज तक भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ. तंवर ने कहा कि नोटबंदी के कारण राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को अपूर्णीय हानि पहुंची है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के चलते अकेले गुडग़ांव में ही 79 फ़ीसदी डेली वेजेस मजदूरों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा। पूरे देश में लाखों मजदूरों को काम धंधे से हाथ धोना पड़ा जो भाजपा सरकार की सबसे बड़ी नाकामी कही जा सकती है। अपने गाढ़े पसीने की कमाई के नोट बदलने के लिए बैंकों की लाईन में लगे 120 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी का तानाशाही निर्णय श्री मोदी की एक सोची-समझी चाल थी जिसका उद्देश्य अपने धनकुबेर दोस्तों के काले धन को सफेद करना था। इसी सोची-समझी साजिश के चलते लोगों के गाढ़े पसीने की कमाई को पहले तो बैंकों में जमा करवा लिया और बाद में प्रधानमंत्री ने अपने बड़-बड़े उद्योगपति मित्रों को भारी भरकम कर्जे देकर उन्हें देश से फरार होने दिया। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने खुद माना है कि उसके पास 99.30 फीसदी नोट वापस आ गए हैं । जब सारे नोट वापस आ गए हैं तो फिर काला धन आखिर कहां गया।
डॉ. तंवर ने कहा कि नोटबंदी देश की आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है इससे देश की अर्थव्यवस्था को तीन लाख करोड़ रूपए की हानि हुई है और इस हानि के लिए केवल और केवल प्रधानमंत्री ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता इस महाघोटाले की पीड़ा को दिल में रखे हुए है और वोट की चोट से इसका उत्तर देने के लिए तत्पर हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में किसानों की जितनी दुर्दशा हुई है उतनी पहले कभी नहीं हुई थी। सरकार ने कृषि उपज के लाभकारी मूल्य देने का वादा तो किया था परंतु यह केवल जुमला ही सिद्ध हुआ किसानों को कृषि के लिए खाद, बीज, बिजली, पानी आदि की उपयुक्त स्पलाई भी नहीं हो पाई और जो फसल बारिश और ओलों के कारण खराब हुई है उसके मुआवजे के नाम पर किसानों के साथ मजाक किया गया।
डॉ. तंवर ने कहा स्वास्थ्य और शिक्षा की बुनियादी आवश्यकतायें भी भाजपा सरकार ठीक ढंग से पूरी नहीं कर पा रही। ईलाज के लिए लोगों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है और इसी प्रकार शिक्षा के लिए भी सरकारी स्कूलों में उचित सुविधायें न होने के कारण अभिभावकों को अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए भारी-भरकम फीसें देनी पड़ती हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. तंवर ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा हरियाणा के सभी जिला मुख्यालयों पर आज धरने देकर रोष व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दो वर्ष पहले अचानक और अकारण नोटबंदी की घोषणा करके देश को जिस आपदा में डाला था उसके परिणामस्वरूप देशवासियों को आज तक भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
डॉ. तंवर ने कहा कि नोटबंदी के कारण राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को अपूर्णीय हानि पहुंची है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के चलते अकेले गुडग़ांव में ही 79 फ़ीसदी डेली वेजेस मजदूरों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा। पूरे देश में लाखों मजदूरों को काम धंधे से हाथ धोना पड़ा जो भाजपा सरकार की सबसे बड़ी नाकामी कही जा सकती है। अपने गाढ़े पसीने की कमाई के नोट बदलने के लिए बैंकों की लाईन में लगे 120 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी का तानाशाही निर्णय श्री मोदी की एक सोची-समझी चाल थी जिसका उद्देश्य अपने धनकुबेर दोस्तों के काले धन को सफेद करना था। इसी सोची-समझी साजिश के चलते लोगों के गाढ़े पसीने की कमाई को पहले तो बैंकों में जमा करवा लिया और बाद में प्रधानमंत्री ने अपने बड़-बड़े उद्योगपति मित्रों को भारी भरकम कर्जे देकर उन्हें देश से फरार होने दिया। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने खुद माना है कि उसके पास 99.30 फीसदी नोट वापस आ गए हैं । जब सारे नोट वापस आ गए हैं तो फिर काला धन आखिर कहां गया।
डॉ. तंवर ने कहा कि नोटबंदी देश की आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है इससे देश की अर्थव्यवस्था को तीन लाख करोड़ रूपए की हानि हुई है और इस हानि के लिए केवल और केवल प्रधानमंत्री ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता इस महाघोटाले की पीड़ा को दिल में रखे हुए है और वोट की चोट से इसका उत्तर देने के लिए तत्पर हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में किसानों की जितनी दुर्दशा हुई है उतनी पहले कभी नहीं हुई थी। सरकार ने कृषि उपज के लाभकारी मूल्य देने का वादा तो किया था परंतु यह केवल जुमला ही सिद्ध हुआ किसानों को कृषि के लिए खाद, बीज, बिजली, पानी आदि की उपयुक्त स्पलाई भी नहीं हो पाई और जो फसल बारिश और ओलों के कारण खराब हुई है उसके मुआवजे के नाम पर किसानों के साथ मजाक किया गया।
डॉ. तंवर ने कहा स्वास्थ्य और शिक्षा की बुनियादी आवश्यकतायें भी भाजपा सरकार ठीक ढंग से पूरी नहीं कर पा रही। ईलाज के लिए लोगों को निजी अस्पतालों में जाना पड़ता है और इसी प्रकार शिक्षा के लिए भी सरकारी स्कूलों में उचित सुविधायें न होने के कारण अभिभावकों को अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए भारी-भरकम फीसें देनी पड़ती हैं।
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