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मौजूदा सरकार ने आरक्षण और संविधान की आत्मा को नष्ट किया - सपा
राम गोपाल यादव ने कहा कि 26 जुलाई 1902 को छत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने कोल्हापुर प्रांत में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था। देश में आरक्षण आंदोलन की शुरुआत आज ही (26 जुलाई 1902 को) हुई थी। इसके बाद बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर ने आरक्षण के प्रावधान के साथ भारतीय संविधान पारित किया।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने आरक्षण और संविधान की आत्मा को नष्ट कर दिया है। वह लोगों के मौलिक अधिकारों का भी हनन कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि संविधान में यह भी लिखा है कि जो भी आदेश या कानून संविधान में लिखे मौलिक अधिकारों के साथ छेड़छाड़ करेगा वह गैर-कानूनी होगा।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अगर आप सरकार की आलोचना करते हैं तो आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है। गृह मंत्री की आलोचना करने पर सुल्तानपुर के एक नेता पर मुकदमा दर्ज किया गया है। क्या यही अभिव्यक्ति की आजादी है? मौजूदा सरकार में बिना कोई कारण बताए किसी को भी जेल में डाल दिया जा रहा है। लोगों को पकड़कर मारा जा रहा है। क्या यही एनकाउंटर का तरीका है? अब जेल और पुलिस हिरासत में लोगों की हत्या हो रही है।
सपा नेता ने कहा कि देश में आरक्षण खत्म कर दिया गया है। सबसे ज्यादा नौकरियां रेलवे और इंडियन एयरलाइंस देती थीं, अब सब कुछ निजी हाथों में दे दिया गया है और निजी कंपनियों में आरक्षण नहीं है। संविधान में जितने भी संशोधन किए जा रहे हैं, वे लोगों के अधिकारों को छीनने के लिए किए जा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी 26 जुलाई को संविधान मानस्तंभ की स्थापना कर आरक्षण अधिकार दिवस मना रही है। लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में आज सादे समारोह में संविधान मानस्तंभ की स्थापना की गई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, समाजवादी पार्टी ने 26 जुलाई को संविधान मानस्तंभ की स्थापना दिवस के रूप में आरक्षण दिवस मनाने का विनम्र निर्णय लिया है।
--आईएएनएस
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