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लुप्त हो रहे पंजाबी शब्दों की खोज और उनके अर्थों की समझ से नई पीढी पुरानी संस्कृति से जुड़ेगी- बैंस

चंडीगढ़। राज्य के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पंजाब की महान विरासत से जोड़ने के लिए सरकार ने अनूठी पहल की है। इसके तहत गर्मी की छुट्टियों में विद्यार्थियों को वेकेशन वर्क के साथ-साथ कल्चर और पंजाबी भाषा से जोडा जाएगा।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से सभी सरकारी और निजी स्कूलों के पहली से 8वीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को हर दिन पंजाबी का एक शब्द ढूंढ़ना कर याद करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों के 5वीं से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी देसी महीनों (बारह महीने) के नाम और पंजाबी शब्दों के साथ देशी महीनों का ऋतुओं से संबंध याद रखने के आदेश दिए गए हैं।
बैंस ने कहा कि प्री-नर्सरी के बच्चों को छुट्टियों के दौरान शारीरिक गतिविधि, शरीर की स्वच्छता, रास्ता ढूंढने और आपसी जान पहचान के बारे में होमवर्क दिया गया है। जबकि पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को नैतिक मूल्यों, रिश्तेदारों के साथ संबंध, घरेलू इस्तेमाल के सामान की चीजों के नए और पुराने नाम से अवगत होगें।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के इस फैसले का मकसद स्कूली छात्रों को असली पंजाबी से जोड़ने के साथ पंजाबी विरासत से रूबरू करवाना है। उन्होंने कहा कि लुप्त हो रहे पंजाबी शब्दों को खोजने और उनके बारे में जिज्ञासा और उसने बारे में समझ विकसित होने से नई पीढ़ी के छात्रों में पुरानी संस्कृति से जुड़ने की इच्छा को मजबूत होगी। बैंस ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से फैसला लेने समय इस मामले पर विशेष ध्यान दिया गया है कि छात्रों को इस संबंधी कोई खर्च न करना पड़े।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से सभी सरकारी और निजी स्कूलों के पहली से 8वीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को हर दिन पंजाबी का एक शब्द ढूंढ़ना कर याद करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों के 5वीं से 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी देसी महीनों (बारह महीने) के नाम और पंजाबी शब्दों के साथ देशी महीनों का ऋतुओं से संबंध याद रखने के आदेश दिए गए हैं।
बैंस ने कहा कि प्री-नर्सरी के बच्चों को छुट्टियों के दौरान शारीरिक गतिविधि, शरीर की स्वच्छता, रास्ता ढूंढने और आपसी जान पहचान के बारे में होमवर्क दिया गया है। जबकि पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों को नैतिक मूल्यों, रिश्तेदारों के साथ संबंध, घरेलू इस्तेमाल के सामान की चीजों के नए और पुराने नाम से अवगत होगें।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के इस फैसले का मकसद स्कूली छात्रों को असली पंजाबी से जोड़ने के साथ पंजाबी विरासत से रूबरू करवाना है। उन्होंने कहा कि लुप्त हो रहे पंजाबी शब्दों को खोजने और उनके बारे में जिज्ञासा और उसने बारे में समझ विकसित होने से नई पीढ़ी के छात्रों में पुरानी संस्कृति से जुड़ने की इच्छा को मजबूत होगी। बैंस ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से फैसला लेने समय इस मामले पर विशेष ध्यान दिया गया है कि छात्रों को इस संबंधी कोई खर्च न करना पड़े।
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