The main focus of this poetry collection is to take the society towards light: Rajendra Joshi-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Apr 19, 2024 2:04 pm
Location
Advertisement

समाज को उजाले की तरफ ले जाने की बात इस काव्य संग्रह की मुख्य धुरी है : राजेन्द्र जोशी

khaskhabar.com : बुधवार, 22 मार्च 2023 3:13 PM (IST)
समाज को उजाले की तरफ ले जाने की बात इस काव्य संग्रह की मुख्य धुरी है : राजेन्द्र जोशी

-नीतू जोशी के काव्य संग्रह 'उजाले की ओर' का हुआ लोकार्पण

बीकानेर। नवकिरण सृजन मंच के तत्वावधान में युवा कवयित्री नीतू जोशी के हिन्दी काव्य संग्रह 'उजाले की ओर' का लोकार्पण नागरी भंडार स्थित महारानी सुर्दशना कला दीर्घा में मंगलवार देर शाम आयोजित हुआ। लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता व्यंग्यकार-संपादक डॉ.अजय जोशी ने की तथा लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी थे। समारोह की विशिष्ट अतिथि डॉ. बसंती हर्ष रही । लोकार्पित पुस्तक पर पत्र वाचन साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने किया।
समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए व्यंग्यकार डॉ. अजय जोशी ने कहा कि समाज को उजाले की तरफ ले जाने की बात इस काव्य संग्रह की मुख्य धुरी है । नारी चेतना को जागृत करने का स्वर है । उन्होंने कहा कि उजाले की ओर कविता संग्रह समाज को जोड़ने और सामाजिकता के पक्षकार बनकर उजाला करती है।
लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने उजाले की ओर पुस्तक के लोकार्पण अवसर पर कहा कि नीतू जोशी के काव्य संसार में आदमी के पक्ष में, आदमीयत के विरुद्ध साजिश रचने वालों के लिए चेतावनी और चुनौती है। उन्होंने कहा की मनुष्यता के खिलाफ चल रही साजिश के प्रति उनकी कविताएं सजग रहने और हर कौण पर बेनकाब करती है ,जोशी ने कहा की भारतीय सामाज के खिलाफ साजिश के विरुद्ध उजाले की ओर की कविताओं में कवि की पीड़ा को पढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा की युवा कवियत्री नीतू की कविताएं जीवन से जुड़ी हुई है।
जोशी ने कहा कि नीतू के हृदय में शब्द के प्रति एक अखंड, अविरल और एकनिष्ठ आस्था का भाव है। इनके लिए कविता विचारों का अलंकरण न होकर एक ऐसा अहसास है जिसमें जीवन राग का स्पंदन और मौलिकता की कस्तूरी बंद है। विशिष्ठ अतिथि डॉ. बसन्ती हर्ष ने कहा कि उजाले की ओर काव्य संग्रह की कविताएं निश्छल भाव बोध की कविताएं हैं।
पुस्तक पर पत्र वाचन करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने कहा कि कवयित्री के इस संग्रह में बुनियादी सवाल नारी की अस्तित्व चेतना का है। इसके लिए जरूरी है कि अवचेतन मन में जमे कचरे को हटाया जाए ताकि अनस्तित्व में अस्तित्व को खोजने व असाध्य को साधने जैसा काम सम्भव हो सके। ये रचनाएं इंसानियत के पटल पर संवेदना और आत्मीयता का एक उत्सव सा रचती है।
इस अवसर पर लोकार्पित कविता संग्रह उजाले की ओर से चुनिंदा रचनाओं का पाठ युवा कवियत्री नीतू जोशी ने किया उन्होंने अपने रचना संसार की जानकारी श्रोताओं के सम्मुख रखी। प्रारंभ में सीएस अंकिता करनाणी ने कवयित्री नीतू जोशी का परिचय प्रस्तुत किया तथा शिक्षाविद एम.एल.जांगिड ने स्वागत भाषण दिया एवं धन्यवाद डाॅ. नरसिंह बिन्नाणी ने ज्ञापित किया । कार्यक्रम का संचालन हास्य कवि बाबूलाल छंगाणी ने किया।
कार्यक्रम में पार्षद सुधा आचार्य, यामिनी जोशी, सखा संगम के अध्यक्ष एन. डी.रंगा , चंद्रशेखर जोशी, ज्योति वधवा रंजना, बी एल नवीन, प्रेम नारायण व्यास, गिरिराज पारीक, रंगा राजस्थानी, डॉ रजनी रमण झा, शिव शंकर शर्मा, डाॅ.फारुख चौहान, सागर सिद्धिकी,असद अली असद,बुनियाद जहीन,संतोष जांगिड़,मूलचन्द जोशी, शान्ति देवी, अमरचन्द नैण, रमा देवी, महेश कुमार गिल,वीणा देवी, अनिता शर्मा, पुष्पा देवी, विमला देवी, पूर्णिमा जोशी, सुमन जोशी, जतिन शर्मा, अखिल पंचारियाँ, पीयूष शर्मा, योगिता, कोमल, भाविका शर्मा सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
Advertisement
Advertisement