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नए जिले बनाने का मामलाः जयपुर को दो हिस्सों में बांटने को लेकर होने लगा विरोध
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 17 मार्च को विधानसभा में की गई 19 नए जिले बनाने की घोषणा को लेकर अब राजधानी जयपुर में भी विरोध उठने लगा है। जयपुर शहर की संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत के नाम पर भाजपा से जुड़े लोगों ने शहर के विभिन्न संगठनों को लेकर विरोध करने की ऱणनीति बनाई है। पहले इसके लिए सीएम अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन दिए जाएंगे। इसके बाद भी अगर नोटिफिकेशन जारी हुए तो आंदोलन चलाया जाएगा।
इस संबंध में मंगलवार को जयपुर में हुई एक मीटिंग में कहा गया कि जयपुर की जनता में जयपुर को दो हिस्सों में बांटे जाने से आक्रोश है। जय-क्लब में हुई इस मीटिंग में भाजपा के अलावा कांग्रेस से जुड़े शहर के भी कुछ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। कुछ अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। बैठक में फैसला हुआ कि जयपुर को सिर्फ एक ही जिला रखने की मांग को लेकर एक समिति बनाई जाएगी। इसमें राजनीतिक प्रतिनिधि, विभिन्न व्यापार मंडलों के अध्यक्ष, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे। जयपुर के सभी जन प्रतिनिधियों एवं सरकार को इस संबंध में ज्ञापन दिया जाएगा कि जयपुर के मूल स्वरूप को ध्यान में रखते हुए एक ही जिला जयपुर नाम से बनाया जाए।
यह बैठक भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी की ओर से बुलाई गई। इसमें पूर्व केबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता सुरेश मिश्रा, पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल, कांग्रेस नेता सुनील शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र सिंह जी शेखावत, पत्रकार रोहित सोनी जी, भाजपा शहर महामंत्री तेज सिंह, पार्षद विमल अग्रवाल, जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित साँचोरा, जयपुर व्यापार महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश केडिया, धरोहर बचाओ समिति के संरक्षक एडवोकेट भारत शर्मा, ढूंढाड परिषद के अध्यक्ष विजयपाल कुमावत, तालकटोरा विकास समीति के अध्यक्ष मनीष सोनी, राजस्थान जन कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विष्णु जयसवाल, महामंत्री एडवोकेट आशीष शर्मा, बैंकिंग कर्मचारी यूनियन के नेता सूरजभान सिंह आमेरा, शहर काजी परिवार के सदस्य प्रिंस रूबी, भाजपा नेता रेशी शर्मा, आदर्श नगर विकास परिषद के अध्यक्ष संदीप शर्मा, पूर्व पार्षद विकास कोठारी, विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व विभाग मंत्री डाॅ. मुकेश शर्मा, धनन्जय शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, महेन्द्र लोहिया, मनीष कूलवाल, शिव चरण शर्मा, जयपुर व्यापार महासंघ के गजेन्द्र सिंह पंचलगी, लोकश सिंह, हिमांशु लक्षकार और हेमराज मौजूद थे।
इस संबंध में मंगलवार को जयपुर में हुई एक मीटिंग में कहा गया कि जयपुर की जनता में जयपुर को दो हिस्सों में बांटे जाने से आक्रोश है। जय-क्लब में हुई इस मीटिंग में भाजपा के अलावा कांग्रेस से जुड़े शहर के भी कुछ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। कुछ अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। बैठक में फैसला हुआ कि जयपुर को सिर्फ एक ही जिला रखने की मांग को लेकर एक समिति बनाई जाएगी। इसमें राजनीतिक प्रतिनिधि, विभिन्न व्यापार मंडलों के अध्यक्ष, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल किए जाएंगे। जयपुर के सभी जन प्रतिनिधियों एवं सरकार को इस संबंध में ज्ञापन दिया जाएगा कि जयपुर के मूल स्वरूप को ध्यान में रखते हुए एक ही जिला जयपुर नाम से बनाया जाए।
यह बैठक भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी की ओर से बुलाई गई। इसमें पूर्व केबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता सुरेश मिश्रा, पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल, कांग्रेस नेता सुनील शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र सिंह जी शेखावत, पत्रकार रोहित सोनी जी, भाजपा शहर महामंत्री तेज सिंह, पार्षद विमल अग्रवाल, जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित साँचोरा, जयपुर व्यापार महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश केडिया, धरोहर बचाओ समिति के संरक्षक एडवोकेट भारत शर्मा, ढूंढाड परिषद के अध्यक्ष विजयपाल कुमावत, तालकटोरा विकास समीति के अध्यक्ष मनीष सोनी, राजस्थान जन कल्याण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विष्णु जयसवाल, महामंत्री एडवोकेट आशीष शर्मा, बैंकिंग कर्मचारी यूनियन के नेता सूरजभान सिंह आमेरा, शहर काजी परिवार के सदस्य प्रिंस रूबी, भाजपा नेता रेशी शर्मा, आदर्श नगर विकास परिषद के अध्यक्ष संदीप शर्मा, पूर्व पार्षद विकास कोठारी, विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व विभाग मंत्री डाॅ. मुकेश शर्मा, धनन्जय शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, महेन्द्र लोहिया, मनीष कूलवाल, शिव चरण शर्मा, जयपुर व्यापार महासंघ के गजेन्द्र सिंह पंचलगी, लोकश सिंह, हिमांशु लक्षकार और हेमराज मौजूद थे।
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