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सरकार दावा कर रही-पूरी बिजली दे रहे हैं, उधर कटौती से सवाई माधोपुर अस्पताल बेहाल

कहने को तो जिला अस्पताल में मातृ शिशु एंव मुख्य अस्पताल के लिए दो अलग अलग जनरेटर हैं। लेकिन, अस्पताल प्रशासन की उदासीनता के चलते दोनों जनरेटर खराब पड़े हैं। बिजली कटौती के साथ ही मरीजों व चिकित्सकों एवं कार्मिकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन द्वारा इस अव्यवस्था पर कोई ध्यान नही दिया जाता।
जिला मुख्यालय के 220 केवी जीएसएस खेरदा पर मरम्मत कार्य के चलते शनिवार को सभी 33 केवी लाइन चकचैनपुरा, भैरूगेट, अजनोटी, सूरवाल, शेरपुर, श्यामपुरा, इटावा, कुस्तला से जुड़े हुए सभी जीएसएस की विद्युत सप्लाई प्रातः 7ः30 बजे से 10ः30 बजे 3 घंटे तक बाधित रही। जिससे शहरी क्षेत्र, पुराना शहर, हॉस्पिटल, हाउसिंग बोर्ड, रणथम्भौर रोड, पटेल नगर, रीको, वीरेंद्र नगर, हम्मीर नगर, धमून रोड, खेरदा, चकचैनपुरा, आदर्श नगर, पुलिस लाइन, मीना कॉलोनी, गौत्तम कॉलोनी, सीमेंट फैक्ट्री इत्यादि क्षेत्र में बिजली बंद रही थी। उसी दौरान अस्पताल में अंधेरा व्याप्त रहा और मरीज परेशान होते रहे।
जिला अस्पताल के कार्यवाहक पीएमओ डॉक्टर अकरम का कहना है कि जनरेटर खराब होने से अस्पताल में बिजली सप्लाई बाधित रही। उनका कहना है कि जल्द ही अस्पताल में एक मोबाईल जनरेटर की व्यवस्था की जाएगी और अस्पताल में बिजली की अलग से लाईन के प्रयास किए जाएंगे। लेकिन, बड़ी बात ये है कि अस्पताल में दो-दो जनरेटर होने का बावजूद बिजली कटौती के दौरान अस्पताल में अंधेरा कायम हो जाता है। ऐसे में बिजली सप्लाई नही होने से कई मशीनरी बंद हो जाती है ऐसे में गम्भीर मरीजों की जान भी खतरे में पड़ सकती है।
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