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सिंह शहीदां गुरुद्वारा साहिब की सेवा संभाल करने वाले ग्रंथि सिंह ने ही की बेअदबी

khaskhabar.com : रविवार, 10 जून 2018 5:45 PM (IST)
सिंह शहीदां गुरुद्वारा साहिब की सेवा संभाल करने वाले ग्रंथि सिंह ने ही की बेअदबी
रूपनगर। जिला रूपनगर की पुलिस ने जि़ले के गाँव डंगोली के सिंह शहीदां गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अंगों की बेअदबी का मामला कुछ घंटों में ही हल कर लिया है और संबंधित गुरुद्वारा साहिब में सेवा एवं देख-रेख करने वाले ग्रंथि सिंह जगतार सिंह को इस मामले में गिरफ़्तार किया है।
यहाँ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए स. राज बचन सिंह, सीनियर कप्तान पुलिस रूपनगर ने बताया कि 9 जून को गाँव डंगोली में घटी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अंगों की बेअदबी संबंधी जसमेर सिंह, इंचार्ज चौकी, घनौली को सूचना प्राप्त हुई थी कि गाँव डंगोली, थाना सदर, रूपनगर के सिंह शहीदों के गुरूद्वारा साहिब में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के अंग किसी ना मालूम व्यक्ति या व्यक्ति या शरारती तत्वों द्वारा फाड़ दिए गए हैं, जिससे सिख कौम की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है।
उन्होंने बताया कि इस मामले संबंधी मुकद्दमां थाना सदर रूपनगर में दर्ज करके कप्तान पुलिस इंनवैस्टीगेशन स. रमिन्दर सिंह, उप कप्तान, पुलिस इंनवैस्टीगेसन, स. वरिन्दरजीत सिंह, उप कप्तान पुलिस स्थानीय, स. मनवीर सिंह बाजवा और इंस्पेक्टर अतुल सोनी इंचार्ज, सी.आई.ए. स्टाफ रूपनगर और इंस्पेक्टर राजपाल सिंह मुख्य अफ़सर, थाना सदर रूपनगर की टीम द्वारा इस बेअदबी की घटना को कुछ ही घंटों में हल करने में सफलता हासिल की है।
स. राज बचन सिंह ने बताया कि गहरनता से जाँच करने पर पाया गया कि ग्रंथी जगतार सिंह पुत्र मंगत सिंह कौम सैनी निवासी डंगोली थाना सदर रूपनगर बार-बार अपने बयान बदल रहा था, जिसने पहले पुलिस को बताया कि वह तारीख़ 09 जून, 2018 प्रात:काल करीब 5:45 बजे गुरू घर से रोज़मर्रा की तरह सेवा संभाल करके गुरू घर का दरवाज़ा बंद करके अपने घर चला गया था परन्तु फिर कहने लगा कि मैंने जाते समय गुरू घर का दरवाज़ा बंद नहीं किया था। ग्रंथी जगतार सिंह ने बताया था कि मैंने घटना संबंधी लोगों को अपने टेलीफ़ोन के द्वारा जानकारी दी थी परंतु जाँच के दौरान यह बात भी झूठी साबित हुई।
उन्होंने बताया कि जाँच के दौरान यह बात भी सामने आई कि ग्रंथी जगतार सिंह प्रात:काल 5:45 बजे के करीब गुरू घर से अपने घर को चला गया था और करीब 6:15 बजे गाँव की महिलाएं गुरुद्वारा साहिब में आईं थी जिन्होंने सबसे पहले यह बेअदबी घटना देखी थी। उन्होंने बताया कि जाँच से यह बात सामने आई है कि ग्रंथी सिंह के गुरू घर से जाने और महिलाओं के गुरू घर आने से पहले अन्य कोई भी व्यक्ति गुरूद्वारा साहिब में नहीं आया था ।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान गं्रथी जगतार सिंह आज लिए गए मुख्य वाक्य और पन्ना नंबर बारे भी कुछ नहीं बता सका। गं्रथी जगतार सिंह से सख्ती के साथ की पूछताश के दौरान उसने माना कि वह ट्रक ड्राइवरी करता है और गाँव में एक ही गुरुद्वारा साहिब रखने बारे कई दिनों से उस पर दबाव पाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि मुलजिम ने यह बात मानी कि वह गुरूद्वारा साहिब की रोज़मर्रा की ड्यूटी से ऊब गया था और अपनी ट्रक ड्राइवरी के काम में से गुरूद्वारा साहिब के काम के लिए समय निकालना उसके लिए बहुत मुश्किल था। इस सबसे मानसिक तौर पर परेशान हो कर उसने इस घटना को अंजाम दिया और श्री गुरु गं्रथ साहिब के पास भोग लगाने के लिए रखी सर साहिब की साईड वाली पत्ती के साथ ही श्री गुरु गं्रथ साहिब के कई अंग फाड़ दिए और अन्य फिर लोगों को गुमराह करने के लिए गुरू घर का दरवाज़ा इस मंतव्य के लिए खुला छोड़ कर चला गया कि लोग यह समझने कि किसी जानवर ने गुरूद्वारा साहिब में दाखि़ल होकर गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की है।

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