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एक साल तक काॅम्प्लेक्स का निर्माण कार्य चला, तब तक था वैध, और पूर्ण होते ही हो गया अवैध, आयुक्त ने दिया नोटिस

जो कि दंडनीय अपराध है। जबकि उक्त काॅम्प्लेक्स का निर्माण कार्य चलते हुए एक वर्ष से अधिक व्यतीत हो चुका है। इस काॅम्प्लेक्स के बाहर से आये दिन निगम के अधिकारी, कर्मचारी यहा तक कि महापौर राकेश पाठक हजारो बार निकल चुके है। तब तक इस काॅम्प्लेक्स का निर्माण कार्य अधूरा था, तो यह वैध था। इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई, और अब तब यह पूर्ण हो चुका है तो यह अवैध हो गया।
आनन-फानन मे इस काॅम्प्लेक्स मालिक को नोटिस थमा कर,चस्पा कर दिया गया। काॅम्प्लेक्स का निर्माण कार्य चल रहा था, तब आये दिन निगम की अतिक्रमण शाखा के अधिकारी एवं कर्मचारी निगम के सरकारी वाहन मे बैठकर आते मोबाइल से फोटो खिंचते और काॅॅम्प्लेक्स मालिक से सुविधा शुल्क लेकर चले जाते थे। शहरवासियो का आरोप है कि नगर निगम मे भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ चुका है कि शहर मे पिछले दो वर्षो से सैकड़ो अवैध काॅम्प्लेक्सो का निर्माण हो रहा है। वही निगम के अतिक्रमण शाखा के अधिकारी, आयुक्त के सरंक्षण मे जमकर चांदी काट रहे है।
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