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उप्र कोरोनावायरस :आइसोलेशन वार्ड में भर्ती युवती की हालत नाजुक, नहीं भेजा सैंपल
बांदा, | उत्तर प्रदेश में बांदा जिला
मुख्यालय के मेडिकल कॉलेज के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में पिछले पांच दिनों
से भर्ती एक युवती की हालत बेहद नाजुक है, लेकिन अब तक जांच के लिए उसका
सैंपल तक नहीं भेजा गया।
चित्रकूट जिले के एक व्यक्ति ने बुधवार को बताया कि गुजरात से लौटी अपनी
22-23 साल की बेटी को खांसी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ और पेटदर्द
की शिकायत पर उसने 28 मार्च को राजकीय मेडिकल कॉलेज के कोरोना आइसोलेशन
वार्ड में भर्ती करवाया था।
उसने बताया कि अब तक के इलाज में उसकी बेटी को तनिक भी आराम नहीं हुआ। दो दिन पहले वह खुद तीसरी मंजिल से उतरकर नीचे आई थी, लेकिन आज बोल भी नहीं पाती।
उसने बताया कि चिकित्सक मौखिक तौर पर कह रहे थे कि सैंपल जांच के लिए भेज दिया है, लेकिन अब तक कोई रिपोर्ट नहीं दिखाई गई और न ही बीमारी के बारे में ही कुछ बताया गया है।
बीमार युवती के साथ मेडिकल कॉलेज में मौजूद उसके भाई ने बताया, "डॉक्टर लोग मरीज को छूते तक नहीं हैं, सब कुछ हम ही करते हैं।"
बांदा राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य (प्रिंसिपल) डॉ. मुकेश यादव ने बुधवार को बताया, "यह युवती हमारे यहां भर्ती है। उसका सैंपल जांच के लिए नहीं भेजा गया, क्योंकि ऐसे कोई लक्षण नहीं पाए गए। हमारे हिसाब से लड़की 'नॉन इफेक्टेड कटैगरी' में हैं।" जब उन्हें बताया गया कि लड़की का पिता बता रहा है कि उसकी बेटी को जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ है तो उन्होंने कहा कि "जितनी चीजें आप पूछ रहे हैं, वे हम किसी को नहीं बता सकते। हमारे हिसाब से मरीज ठीक है।"
वहीं, जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएस) डॉ. संतोष कुमार ने बताया, "अब तक मेडिकल कॉलेज के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में कुल 11 संदिग्ध मरीज भर्ती हुए थे। इनमें एक का सैंपल जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा गया था, उसकी भी रिपोर्ट निगेटिव आई है। सभी मरीज ठीक हो गए हैं। चित्रकूट जिले की युवती के बारे में पता करने के बाद कुछ बता पाऊंगा।"
--आईएएनएस
उसने बताया कि अब तक के इलाज में उसकी बेटी को तनिक भी आराम नहीं हुआ। दो दिन पहले वह खुद तीसरी मंजिल से उतरकर नीचे आई थी, लेकिन आज बोल भी नहीं पाती।
उसने बताया कि चिकित्सक मौखिक तौर पर कह रहे थे कि सैंपल जांच के लिए भेज दिया है, लेकिन अब तक कोई रिपोर्ट नहीं दिखाई गई और न ही बीमारी के बारे में ही कुछ बताया गया है।
बीमार युवती के साथ मेडिकल कॉलेज में मौजूद उसके भाई ने बताया, "डॉक्टर लोग मरीज को छूते तक नहीं हैं, सब कुछ हम ही करते हैं।"
बांदा राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य (प्रिंसिपल) डॉ. मुकेश यादव ने बुधवार को बताया, "यह युवती हमारे यहां भर्ती है। उसका सैंपल जांच के लिए नहीं भेजा गया, क्योंकि ऐसे कोई लक्षण नहीं पाए गए। हमारे हिसाब से लड़की 'नॉन इफेक्टेड कटैगरी' में हैं।" जब उन्हें बताया गया कि लड़की का पिता बता रहा है कि उसकी बेटी को जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ है तो उन्होंने कहा कि "जितनी चीजें आप पूछ रहे हैं, वे हम किसी को नहीं बता सकते। हमारे हिसाब से मरीज ठीक है।"
वहीं, जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएस) डॉ. संतोष कुमार ने बताया, "अब तक मेडिकल कॉलेज के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में कुल 11 संदिग्ध मरीज भर्ती हुए थे। इनमें एक का सैंपल जांच के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजा गया था, उसकी भी रिपोर्ट निगेटिव आई है। सभी मरीज ठीक हो गए हैं। चित्रकूट जिले की युवती के बारे में पता करने के बाद कुछ बता पाऊंगा।"
--आईएएनएस
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