The Chief of Army Staff recalled his days in Somalia, where he was posted as a young Major.-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Nov 9, 2025 12:57 am
Location
 
   राजस्थान, हरियाणा और पंजाब सरकार से विज्ञापनों के लिए मान्यता प्राप्त
Advertisement

सेनाध्यक्ष ने याद किए सोमालिया के दिन, जहां वह युवा मेजर के रूप में तैनात थे

khaskhabar.com: मंगलवार, 14 अक्टूबर 2025 7:04 PM (IST)
सेनाध्यक्ष ने याद किए सोमालिया के दिन, जहां वह युवा मेजर के रूप में तैनात थे
नई दिल्ली, । भारतीय थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को अपने कुछ महत्वपूर्ण अनुभव साझा किए। नई दिल्ली में 32 देशों के सेना प्रमुख व वरिष्ठ सैन्य कमांडर के बीच उन्होंने अपनी युवावस्था के दौरान सोमालिया में हुई एक पोस्टिंग का जिक्र किया। अपने सैनिक जीवन के अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 1993-94 में सोमालिया में एक युवा मेजर के रूप में तैनाती के दौरान उन्होंने बांग्लादेश, फ्रांस, इटली, मलेशिया, मोरक्को, नेपाल, नाइजीरिया और युगांडा के सैनिकों के साथ मिलकर सेवा दी। उन्होंने कहा, ''विभिन्न देशों, संस्कृतियों और भाषाओं के सैनिक जब एक ही झंडे-शांति के झंडे-के तहत काम करते हैं, तो वह एक अद्भुत एकजुटता की मिसाल होती है। 1948 से लेकर आज तक संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना ने लाखों लोगों के लिए आशा की किरण के रूप में कार्य किया है।''
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन इस बात का प्रतीक है कि विश्व समुदाय अब भी उस संकल्प पर अडिग है कि शांति केवल एक आकांक्षा नहीं, बल्कि वास्तविकता बने। जनरल उपेन्द्र द्विवेदी मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र शांति सेना योगदानकर्ता देशों के प्रमुखों के सम्मेलन में बोल रहे थे।
यहां भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने वैश्विक शांति के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि शांति स्थापना सैनिक का कार्य नहीं है, लेकिन यह कार्य केवल एक सैनिक ही कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र के दूसरे महासचिव डैग हैमरशोल्ड के इस कथन को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि यही भाव आज भी शांति अभियानों की आत्मा है। भारतीय सेना परिचालन उत्कृष्टता, प्रौद्योगिकीय नवाचार और क्षमता निर्माण के लिए दृढ़संकल्पित है। उन्होंने इस दिशा में नई दिल्ली स्थित “सेंटर फॉर यूएन पीसकीपिंग” जैसे संस्थानों की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया।
थलसेना प्रमुख ने शांति अभियानों में नवाचार, समावेशिता और पारस्परिक सहयोग (इंटरऑपरेबिलिटी) की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत की 'आत्मनिर्भर भारत' पहल रक्षा क्षेत्र में ऐसे व्यवहारिक और विस्तार योग्य समाधान प्रस्तुत करती है जो वैश्विक साझेदारों के लिए भी उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।
उद्घाटन दिवस के अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह, संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के अवर-महासचिव जीन पियरे लैक्रोआ, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वथनेनी हरीश, तथा अनेक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और अधिकारीगण उपस्थित रहे। इन सभी ने वैश्विक शांति अभियानों के भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में भाग लिया।
भारतीय सेना द्वारा आयोजित संयुक्त राष्ट्र ट्रूप कंट्रीब्यूटिंग कंट्रीज चीफ्स कॉन्क्लेव में 32 देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भाग ले रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। भाग लेने वाले देशों में अल्जीरिया, आर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्राजील, बुरुंडी, कंबोडिया, मिस्र, इथियोपिया, फिजी, फ्रांस, घाना, इटली, कजाखस्तान, केन्या, किर्गिस्तान, मेडागास्कर, मलेशिया, मंगोलिया, मोरक्को, नेपाल, नाइजीरिया, पोलैंड, रवांडा, श्रीलंका, सेनेगल, तंज़ानिया, थाईलैंड, युगांडा, उरुग्वे और वियतनाम शामिल हैं।
इस कॉन्क्लेव में संयुक्त क्षमता निर्माण के लिए रक्षा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है, जिसमें विभिन्न देशों के बीच सहयोग और तकनीकी आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जा रहा है।
--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement