The administration is worried about children suicide and depression in Kota, students need one day off in a week, there should be no exam the next day-m.khaskhabar.com
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कोटा में बच्चों के सुसाइड व अवसाद से प्रशासन चिंतित, छात्रों को हफ्ते में एक दिन छुट्‌टी जरूरी, अगले दिन कोई परीक्षा भी नहीं हो

khaskhabar.com : मंगलवार, 21 मार्च 2023 11:43 AM (IST)
कोटा में बच्चों के सुसाइड व अवसाद से प्रशासन चिंतित, छात्रों को हफ्ते में एक दिन छुट्‌टी जरूरी, अगले दिन कोई परीक्षा भी नहीं हो
कोटा। कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों के सुसाइड व अवसाद को लेकर कोटा जिला प्रशासन से चिंता व्यक्त की है। कलेक्टर ओपी बुनकर की अध्यक्षता में हुई कोचिंग निगरानी समिति की बैठक में गंभीरता से विचार विमर्श किया गया। इस बैठक में कलेक्टर ने कहा कि कोटा में आने वाले प्रत्येक कोचिंग छात्र का जीवन बहुमूल्य है और सभी छात्रों को अवसाद से दूर रखने के लिए समस्त प्रयास करने हैं ताकि कोई भी छात्र तनाव में आत्महत्या जैसा गलत कदम ना उठाएं।


कलेक्टर ने कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट ने भी छात्रों द्वारा होने वाले आत्महत्या के बढ़ते मामलों को बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने ऑनलाइन कंप्लेंट पोर्टल सिस्टम की जानकारी दी, साथ ही साथ कोचिंग संस्थानों को हफ्ते में 1 दिन के अवकाश को अनिवार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि अवकाश के अगले दिन किसी तरह की कोई परीक्षा ना रखी जाए। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा होने वाले छात्रों की स्क्रीनिंग में अवसाद में पाए गए छात्रों को या ऐसे छात्रों को जिनका स्क्रीनिंग में स्कोर दो से अधिक आता है उन पर विशेष ध्यान देने के लिए थानेवार बांटे गए नोडल अधिकारी, कोचिंग संस्थानों के शिक्षक, हॉस्टल वार्डन एवं छात्र के परिवार को सूचित करने के लिए कहा।


उन्होंने कहा कि छात्रों की मानसिक अवस्था की जानकारी पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जाएगी। किसी भी हॉस्टल में निर्माण संबंधी कोई कमी या किसी भी तरह की अनियमितता पाई जाएगी तो उसको अविलंब सीज कर दिया जाएगा एवं छात्रों को प्रशासन द्वारा अन्य हॉस्टल में शिफ्ट कराया जाएगा।



उन्होंने निर्देशित किया की समस्त छात्रों का स्थाई पता एवं उनके माता-पिता के फोन नंबर की समस्त जानकारी हॉस्टल, कोचिंग एवं प्रशासन के पास होनी चाहिए जिसको हर 3 महीने में रिवाइज किया जाए। उन्हांेने मेडिकल विभाग एवं अन्य चिकित्सा टीम से अवसाद में पाए गए छात्रों को दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार (क्या करें, क्या ना करें) संबंधी जानकारी, सुझाव आमंत्रित किए हैं जिससे प्रशासन प्रत्येक हॉस्टल, कोचिंग संस्थान पर आईईसी लगवाकर उन की पालना सुनिश्चित कर सके। उन्होंने अधिकारियों, कोचिंग संस्थानों एवं मेडिकल टीम से कहा कि छात्रों को अवसाद एवं आत्महत्या से बचाना सबकी ज़िम्मेदारी ही नहीं बल्कि बहुत बड़ा मानवीय कार्य भी है, जिसको गम्भीरता से किया जाना आवश्यक है।


इस अवसर पर संभागीय आयुक्त अनुराग भार्गव, अतिरिक्त कलक्टर प्रशासन राजकुमार सिंह, शहर बृजमोहन बैरवा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर प्रवीण जैन, एसीईओ जिला परिषद सरिता, उपायुक्त नगर निगम उत्तर गजेन्द्र सिंह, दक्षिण राजेश डागा, सहायक कलक्टर पार्थिवी, जिला रसद अधिकारी पुष्पा हरवानी, साइकोलॉजिस्ट पूर्ति शर्मा, वरिष्ठ मनोचिकित्सक एमएल अग्रवाल सहित एलन, मोशन, आर्ट ऑफ लिविंग संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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