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स्मैक रखने के आरोपी को एक साल की सजा, 15 हजार रुपए का भी जुर्माना

कैथल। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एम.एम.धौंचक ने बतौर विशेष न्यायाधीश नारकोटिक ड्रग्स एंड साईकोट्रोपिक सबस्टैंसिज अधिनियम 1985 की धारा 21 बी के तहत बलजीत सिंह निवासी प्योदा रोड कैथल को 5.15 ग्राम स्मैक रखने का दोषी करार देते हुए उन्हें 1 वर्ष कठोर कारावास एवं 15 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोषी व्यक्ति को 45 दिन की अतिरिक्त सामान्य कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायालय द्वारा इस मामले का फैसला केवल 13 दिन में सुना दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त बलजीत सिंह को पुलिस द्वारा 14 नवम्बर 2018 को पकड़ा गया था तथा व्यक्तिगत जांच के दौरान उससे 5.15 ग्राम स्मैक बरामद की गई थी। इस बारे में स्थानीय सिविल लाईन पुलिस थाना में नारकोटिक ड्रग्स एंड साईकोट्रोपिक सबस्टैंसिज एक्ट 1985 की धारा 21 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस द्वारा एक मई 2019 को न्यायालय में चालान पेश किया गया तथा उन्हें 3 मई 2019 को चार्ज शीट किया गया। इस मुकदमे का केवल 13 दिन में फैसला सुना दिया गया है। मामले की पैरवी के दौरान प्रोसीक्यूशन द्वारा 20 प्रमाणिक दस्तावेज एवं 9 गवाह पेश किए गए।
न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आज विश्व का कोई भी हिस्सा मादक पदार्थों की तस्करी एवं मादक पदार्थों की लत के अभिशाप से अछूता नहीं रह गया है। दुर्भाग्य से हमारा देश भी मादक पदार्थों की तस्कारी के जाल में फंस चुका है तथा मादक पदार्थों की लत से ग्रसित लोगों की संख्या तेज गति से बढ रही है। संयुक्त राष्टï्र की एक रिर्पोट के अनुसार भारत में लगभग 10 लाख लोग मादक पदार्थों की लत से ग्रसित हैं। इस मामले की पैरवी पब्लिक प्रोसिक्यूटर जनक राज ने की।
रिपोर्ट के अनुसार अभियुक्त बलजीत सिंह को पुलिस द्वारा 14 नवम्बर 2018 को पकड़ा गया था तथा व्यक्तिगत जांच के दौरान उससे 5.15 ग्राम स्मैक बरामद की गई थी। इस बारे में स्थानीय सिविल लाईन पुलिस थाना में नारकोटिक ड्रग्स एंड साईकोट्रोपिक सबस्टैंसिज एक्ट 1985 की धारा 21 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस द्वारा एक मई 2019 को न्यायालय में चालान पेश किया गया तथा उन्हें 3 मई 2019 को चार्ज शीट किया गया। इस मुकदमे का केवल 13 दिन में फैसला सुना दिया गया है। मामले की पैरवी के दौरान प्रोसीक्यूशन द्वारा 20 प्रमाणिक दस्तावेज एवं 9 गवाह पेश किए गए।
न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आज विश्व का कोई भी हिस्सा मादक पदार्थों की तस्करी एवं मादक पदार्थों की लत के अभिशाप से अछूता नहीं रह गया है। दुर्भाग्य से हमारा देश भी मादक पदार्थों की तस्कारी के जाल में फंस चुका है तथा मादक पदार्थों की लत से ग्रसित लोगों की संख्या तेज गति से बढ रही है। संयुक्त राष्टï्र की एक रिर्पोट के अनुसार भारत में लगभग 10 लाख लोग मादक पदार्थों की लत से ग्रसित हैं। इस मामले की पैरवी पब्लिक प्रोसिक्यूटर जनक राज ने की।
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