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होटल, मैरिज होम और बेंक्वेट हॉल से टैक्स वर्ष 2011 से नहीं, 3 साल का मांगा: कमल गुप्ता

चंडीगढ़। हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि होटलों/मैरिज पैलेसों/बैंकेट हालों के कचरा प्रबंधन के मामले में वर्ष 2011 में कानून पास हुआ था। जिसके तहत 10 कमरों से कम वाले होटलों/मैरिज पैलेसों/बैंकेट हालों के लिए 500 रुपए प्रतिमाह व 10 कमरों से अधिक वालों के लिए 4000 रुपए प्रतिमाह चार्ज किए जा रहे हैं। पानी के लिए 4 रुपए प्रति किलोलीटर और सीवरेज शुल्क पानी के 25 प्रतिशत के हिसाब से चार्ज किया जाता है।
डॉ. कमल गुप्ता ने यह जानकारी सोमवार को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायक असीम गोयल द्वारा पूछे गए एक सवाल के उत्तर में दी। मंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि जीटी रोड पर स्थित होटलों का मामला एनजीटी में भेजा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति में मामला प्रस्तुत कर विचार किया गया है। जिन होटलों में सीवरेज इत्यादि की व्यवस्था नहीं है उनमें कचरा उठाने के लिए शहरों की तर्ज पर व्यवस्था की जा रही है। होटलों/मैरिज पैलेसों/बैंकेट हालों से नियमों के अनुसार शुल्क लिए जाएंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि यूएलबी द्वारा टैक्स 2011 से नहीं, बल्कि तीन साल से मांगा था। उसे भी अब रेक्टिफाई (संशोधन) करके करंट से ही चार्ज किया जाएगा। इसके लिए पत्र जारी कर दिया गया है। उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि वर्तमान में होटलों/मैरिज पैलेसों/बैंकेट हालों को जल शुल्क और कचरा कर आदि के संबंध में राहत हेतु कोई नीति सरकार के विचाराधीन नहीं है।
डॉ. कमल गुप्ता ने यह जानकारी सोमवार को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायक असीम गोयल द्वारा पूछे गए एक सवाल के उत्तर में दी। मंत्री ने सदन को अवगत करवाया कि जीटी रोड पर स्थित होटलों का मामला एनजीटी में भेजा है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण समिति में मामला प्रस्तुत कर विचार किया गया है। जिन होटलों में सीवरेज इत्यादि की व्यवस्था नहीं है उनमें कचरा उठाने के लिए शहरों की तर्ज पर व्यवस्था की जा रही है। होटलों/मैरिज पैलेसों/बैंकेट हालों से नियमों के अनुसार शुल्क लिए जाएंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि यूएलबी द्वारा टैक्स 2011 से नहीं, बल्कि तीन साल से मांगा था। उसे भी अब रेक्टिफाई (संशोधन) करके करंट से ही चार्ज किया जाएगा। इसके लिए पत्र जारी कर दिया गया है। उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि वर्तमान में होटलों/मैरिज पैलेसों/बैंकेट हालों को जल शुल्क और कचरा कर आदि के संबंध में राहत हेतु कोई नीति सरकार के विचाराधीन नहीं है।
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