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सिर्फ छुट्टियों के दिन ही शादियों में शामिल हों छात्र - दारुल उलूम

सहारनपुर । देवबंद के दारुल उलूम के
छात्र अब से अपने परिवार में होने वाली शादियों और अन्य कार्यक्रमों में
तभी शामिल हो सकेंगे, जब समारोह ऐसे समय में हो, जब मदरसा बंद हो।
दारुल उलूम ने छात्रों के परिवारों को सलाह दी है कि वे शादी की योजना तभी
बनाएं, जब मदरसा छुट्टियों के लिए बंद हो।
शिक्षा विभाग के प्रमुख हुसैन अहमद ने कहा, अगर परिवारों को लगता है कि शादी में छात्रों की उपस्थिति महत्वपूर्ण है, तो उन्हें शादियों की योजना तभी बनानी चाहिए जब मदरसा छुट्टियों के चलते बंद हो, अन्यथा यह उनकी पढ़ाई को काफी प्रभावित कर सकता है। यहां कम से कम 75 फीसदी उपस्थिति जरूरी है।
आदेश मदरसा बुलेटिन बोर्ड पर लगा दिया गया है।
छात्रों को अपने अभिभावकों के साथ निर्देशों के पीछे शैक्षणिक कारणों पर चर्चा करने के लिए भी कहा गया है।
शिक्षा विभाग ने पहले एक आदेश जारी कर छात्र को किसी भी व्यावसायिक गतिविधि या पार्ट-टाइम बिजनेस को करने से रोक दिया था, अन्यथा शिक्षा अनुदान, मुफ्त भोजन और आवास जैसी सुविधाएं तुरंत निलंबित कर दी जाएंगी और उन्हें मदरसा से निष्कासन का सामना भी करना पड़ सकता है।
--आईएएनएस
शिक्षा विभाग के प्रमुख हुसैन अहमद ने कहा, अगर परिवारों को लगता है कि शादी में छात्रों की उपस्थिति महत्वपूर्ण है, तो उन्हें शादियों की योजना तभी बनानी चाहिए जब मदरसा छुट्टियों के चलते बंद हो, अन्यथा यह उनकी पढ़ाई को काफी प्रभावित कर सकता है। यहां कम से कम 75 फीसदी उपस्थिति जरूरी है।
आदेश मदरसा बुलेटिन बोर्ड पर लगा दिया गया है।
छात्रों को अपने अभिभावकों के साथ निर्देशों के पीछे शैक्षणिक कारणों पर चर्चा करने के लिए भी कहा गया है।
शिक्षा विभाग ने पहले एक आदेश जारी कर छात्र को किसी भी व्यावसायिक गतिविधि या पार्ट-टाइम बिजनेस को करने से रोक दिया था, अन्यथा शिक्षा अनुदान, मुफ्त भोजन और आवास जैसी सुविधाएं तुरंत निलंबित कर दी जाएंगी और उन्हें मदरसा से निष्कासन का सामना भी करना पड़ सकता है।
--आईएएनएस
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