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नारी शक्ति के मिले कदम से कदम, स्वयं सेविकाओं में दिखा उत्साह, यहां देखें तस्वीरें

कोटा। राजस्थान के कोटा में नन्हीं स्वयंसेविकाओं से लेकर बड़ी उम्र की महिला कार्यकर्ताओं ने पथ संचलन में हिस्सा लिया। बच्चियों व महिलाओं में उत्साह का माहौल था। आणक, प्रणव, वंशी और शंख से सजा घोष दल आकर्षण का केन्द्र रहा।
भारत माता के जयघोष के साथ नारी शक्ति का स्वागत किया गया। मधुर स्वर लहरियों ने देशभक्ति का भाव जगा दिया। कदम से कदम मिलाती युवतियां और महिलाओं ने कोटा शहर के विभिन्न प्रमुख मार्गों से पथ संचलन निकाला। आरएसएस के इस संगठन के द्वारा निकाला गया पथ संचलन जिस भी मार्ग से गुजरा लोगों ने अनुशासन की तारीफ की। भाजपा के पदाधिकारियों सहित विधायकों ने भी पथ संचलन का स्वागत किया। संचलन के मार्ग में घोष दल के द्वारा किरण, प्रताप, चेतक समेत विभिन्न रचनाओं का प्रदर्शन किया गया। राष्ट्र सेविका समिति कोटा विभाग की ओर से वर्ष प्रतिपदा पर शहर के विभिन्न मार्गों से पथ संचलन निकाला गया।
पथ संचलन में खुली जीप में भारत माता की झांकी सजाई गई जो आकर्षण का केन्द्र रही। स्वयंसेविकाओं ने भगवा ध्वज को हाथों में थाम रखा था। संचलन प्रमुख आयुषी इंदौरिया सबसे आगे थीं। प्रमिला शर्मा ने कहा कि भारत की परिवार व्यवस्था, भारत के ज्ञान विज्ञान को आत्मसात करके संगठन मातृत्व भाव के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, राष्ट्र सेविका समिति माता जीजाबाई, वीरांगना लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई होलकर को अपना आदर्श मानती है. राष्ट्र सेविका समिति की शाखा व्यक्तित्व निर्माण की प्रयोगशाला है।
भारत माता के जयघोष के साथ नारी शक्ति का स्वागत किया गया। मधुर स्वर लहरियों ने देशभक्ति का भाव जगा दिया। कदम से कदम मिलाती युवतियां और महिलाओं ने कोटा शहर के विभिन्न प्रमुख मार्गों से पथ संचलन निकाला। आरएसएस के इस संगठन के द्वारा निकाला गया पथ संचलन जिस भी मार्ग से गुजरा लोगों ने अनुशासन की तारीफ की। भाजपा के पदाधिकारियों सहित विधायकों ने भी पथ संचलन का स्वागत किया। संचलन के मार्ग में घोष दल के द्वारा किरण, प्रताप, चेतक समेत विभिन्न रचनाओं का प्रदर्शन किया गया। राष्ट्र सेविका समिति कोटा विभाग की ओर से वर्ष प्रतिपदा पर शहर के विभिन्न मार्गों से पथ संचलन निकाला गया।
पथ संचलन में खुली जीप में भारत माता की झांकी सजाई गई जो आकर्षण का केन्द्र रही। स्वयंसेविकाओं ने भगवा ध्वज को हाथों में थाम रखा था। संचलन प्रमुख आयुषी इंदौरिया सबसे आगे थीं। प्रमिला शर्मा ने कहा कि भारत की परिवार व्यवस्था, भारत के ज्ञान विज्ञान को आत्मसात करके संगठन मातृत्व भाव के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, राष्ट्र सेविका समिति माता जीजाबाई, वीरांगना लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई होलकर को अपना आदर्श मानती है. राष्ट्र सेविका समिति की शाखा व्यक्तित्व निर्माण की प्रयोगशाला है।
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