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नगर निगम चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग ने की तैयारी तेज, चार मार्च को जारी होगी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट
शिमला। नगर निगम शिमला के चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग ने तैयारी तेज कर दी है। चुनाव के लिए ड्राफ्ट वोटर लिस्ट चार मार्च को जारी कर दी जाएगी। इसका राज्य चुनाव आयोग की ओर से शेड्यूल जारी कर दिया गया है।
आयोग ने जारी शेड्यूल में साफ किया है कि पोलिंग स्टेशन मैपिंग का पूरा काम 22 फरवरी तक कर लिया जाएगा। 28 फरवरी तक मतदाताओं का सत्यापन किया जाएगा। इस दौरान जो भी वोटर कहीं शिफ्ट हुए हैं या किसी अन्य कारण से शामिल नहीं हो सके हैं, इसके मिलान के लिए ही ईआरएमएस साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा।
ये चुनाव आयोग का साफ्टवेयर है इसमें नगर निगम चुनाव के लिए वे लोग ही वोटर बन सकेंगे, जो मतदाता शिमला शहरी, कसुम्पटी या शिमला ग्रामीण के वोटर होंगे। यहां के वोटर ही नगर निगम चुनाव के लिए पात्र वोटर माने जाएंगे। इनके अलावा अन्य सभी के नाम वोटर के साफ्टवेयर में ही कट जाएंगे। वहीं जिला प्रशासन की ओर से ड्राफ्ट वोटर को चार मार्च को जारी किया जाएगा। इसके जारी होने के बाद लोग अपना वोट बनाने के दावे और वोटर लिस्ट में शामिल गलत वोटों को कटवाने का दावा कर सकेंगे।
ईआरओ की अनुमति से ही कटेगा नाम
राज्य चुनाव आयोग की ओर से जारी सिस्टम में ईआरओ की अनुमति के बगैर किसी का नाम नहीं काटा जा सकेगा। लोगों की ओर से भले ही आवेदन किया हो, लेकिन बिना अनुमति के किसी का नाम काटा नहीं जा सकेगा।
एक से ज्यादा वोट होने पर देना होगा अधिकारियों को जवाब
नया सिस्टम लागू होने के बाद किसी भी वोटर का वोट एक से ज्यादा वार्ड में नहीं होना चाहिए। इसके लिए चुनाव अधिकारी को गंभीरता से काम करना होगा। किसी का भी नाम दूसरा होने पर कट जाएगा। इसके बावजूद यदि वोटर लिस्ट में लोगों के दो नाम होते हैं तो इसके लिए संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी होगी।
आयोग ने जारी शेड्यूल में साफ किया है कि पोलिंग स्टेशन मैपिंग का पूरा काम 22 फरवरी तक कर लिया जाएगा। 28 फरवरी तक मतदाताओं का सत्यापन किया जाएगा। इस दौरान जो भी वोटर कहीं शिफ्ट हुए हैं या किसी अन्य कारण से शामिल नहीं हो सके हैं, इसके मिलान के लिए ही ईआरएमएस साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा।
ये चुनाव आयोग का साफ्टवेयर है इसमें नगर निगम चुनाव के लिए वे लोग ही वोटर बन सकेंगे, जो मतदाता शिमला शहरी, कसुम्पटी या शिमला ग्रामीण के वोटर होंगे। यहां के वोटर ही नगर निगम चुनाव के लिए पात्र वोटर माने जाएंगे। इनके अलावा अन्य सभी के नाम वोटर के साफ्टवेयर में ही कट जाएंगे। वहीं जिला प्रशासन की ओर से ड्राफ्ट वोटर को चार मार्च को जारी किया जाएगा। इसके जारी होने के बाद लोग अपना वोट बनाने के दावे और वोटर लिस्ट में शामिल गलत वोटों को कटवाने का दावा कर सकेंगे।
ईआरओ की अनुमति से ही कटेगा नाम
राज्य चुनाव आयोग की ओर से जारी सिस्टम में ईआरओ की अनुमति के बगैर किसी का नाम नहीं काटा जा सकेगा। लोगों की ओर से भले ही आवेदन किया हो, लेकिन बिना अनुमति के किसी का नाम काटा नहीं जा सकेगा।
एक से ज्यादा वोट होने पर देना होगा अधिकारियों को जवाब
नया सिस्टम लागू होने के बाद किसी भी वोटर का वोट एक से ज्यादा वार्ड में नहीं होना चाहिए। इसके लिए चुनाव अधिकारी को गंभीरता से काम करना होगा। किसी का भी नाम दूसरा होने पर कट जाएगा। इसके बावजूद यदि वोटर लिस्ट में लोगों के दो नाम होते हैं तो इसके लिए संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी होगी।
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