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अजमेर दरगाह में चल रहे उर्स के दौरान भगदड़

अजमेर | अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर दो गुटों के बीच मारपीट के बाद भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। हंगामा वार्षिक उर्स की छठी रात शनिवार को हुआ।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बरेलवी (बरेली के मुस्लिम) और खादिम (जो दरगाह में प्रार्थना करते हैं) अपने गुरु की प्रशंसा करते हुए नारेबाजी करने के बाद आपस में भिड़ गए। पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया।
फिलहाल दरगाह क्षेत्र में माहौल शांतिपूर्ण है। भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शनिवार की रात दो बजे के बाद शाहजहानी मस्जिद में बैठे बरेलवियों के एक समूह ने नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं, दरगाह के खादिमों ने नारेबाजी का विरोध किया तो दोनों गुट आपस में भिड़ गए और मारपीट शुरु हो गई।
मारपीट होते देख वहां मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। हालात यह बने कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात स्वयंसेवक भी मस्जिद की दीवार फांद कर भाग खड़े हुए। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है।
दरगाह से जुड़े जानकारों का कहना है कि खादिमों और बरेलवियों के बीच लंबे समय से विवाद है। बरेली के मुसलमान दरगाह पर आते हैं और अपने गुरु ताजु सरिया की प्रशंसा करते हैं।
2018 में भी इस तरह की नारेबाजी को लेकर दरगाह में हंगामा हुआ था। इस मामले की शिकायत अंजुमन कमेटी की ओर से प्रशासन को भी दी गई थी। इससे पहले जगह-जगह पोस्टर लगाकर अपील की गई कि ख्वाजा साहब की शान में ही नारे लगाए जाएं।
इस बीच पुलिस ने समय पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।
दरगाह थाना प्रभारी अमर सिंह ने बताया कि नारेबाजी की सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंच गये थे। दोनों पक्षों को समझाया गया, लेकिन अभी तक किसी पक्ष ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।(आईएएनएस)
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बरेलवी (बरेली के मुस्लिम) और खादिम (जो दरगाह में प्रार्थना करते हैं) अपने गुरु की प्रशंसा करते हुए नारेबाजी करने के बाद आपस में भिड़ गए। पुलिस ने किसी तरह मामला शांत कराया।
फिलहाल दरगाह क्षेत्र में माहौल शांतिपूर्ण है। भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शनिवार की रात दो बजे के बाद शाहजहानी मस्जिद में बैठे बरेलवियों के एक समूह ने नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं, दरगाह के खादिमों ने नारेबाजी का विरोध किया तो दोनों गुट आपस में भिड़ गए और मारपीट शुरु हो गई।
मारपीट होते देख वहां मौजूद हजारों श्रद्धालुओं में अफरातफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। हालात यह बने कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात स्वयंसेवक भी मस्जिद की दीवार फांद कर भाग खड़े हुए। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है।
दरगाह से जुड़े जानकारों का कहना है कि खादिमों और बरेलवियों के बीच लंबे समय से विवाद है। बरेली के मुसलमान दरगाह पर आते हैं और अपने गुरु ताजु सरिया की प्रशंसा करते हैं।
2018 में भी इस तरह की नारेबाजी को लेकर दरगाह में हंगामा हुआ था। इस मामले की शिकायत अंजुमन कमेटी की ओर से प्रशासन को भी दी गई थी। इससे पहले जगह-जगह पोस्टर लगाकर अपील की गई कि ख्वाजा साहब की शान में ही नारे लगाए जाएं।
इस बीच पुलिस ने समय पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।
दरगाह थाना प्रभारी अमर सिंह ने बताया कि नारेबाजी की सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंच गये थे। दोनों पक्षों को समझाया गया, लेकिन अभी तक किसी पक्ष ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।(आईएएनएस)
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