सीतापुर पत्रकार हत्याकांड : परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से किया इनकार, हत्यारों की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग

घटना के मद्देनजर प्रशासनिक अमला पूरी तरह सक्रिय हो गया है। महोली एडीएम नीतीश कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश शुक्ला, महोली विधायक शशांक त्रिवेदी समेत भारी संख्या में पुलिस बल मृतक पत्रकार के घर के बाहर तैनात है। अधिकारी लगातार परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
मामले को लेकर स्थानीय स्तर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासनिक अधिकारियों ने जल्द से जल्द समाधान निकालने के लिए परिजनों से बातचीत तेज कर दी है। वहीं, इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों ने भी सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं।
पत्रकार की निर्मम हत्या के बाद जिले में भारी आक्रोश है, और परिजनों का कहना है कि जब तक ठोस कार्रवाई नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर में हुए पत्रकार हत्याकांड के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सोमवार को मृतक पत्रकार के घर पहुंचे और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर तीखा हमला बोला।
अजय राय ने कहा कि "दिनदहाड़े हाईवे पर गोलियों से छलनी कर हत्या करना सीधे तौर पर सरकार को चुनौती देना है। यह प्रदेश में जंगलराज की स्थिति को दर्शाता है।" उन्होंने आगे कहा कि "अगर जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।"
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि पार्टी पूरी मजबूती से पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।"
पत्रकार हत्याकांड को लेकर कांग्रेस ने सरकार से अविलंब कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं मिला तो आंदोलन किया जाएगा।
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