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संगरूर : मुख्यमंत्री भगवंत मान के घर के सामने 1158 फ्रंट का अनशन, 411 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग
न्यायालय का आदेश: प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने 23 सितंबर 2024 को 1158 भर्ती को पूरा करने के लिए हरी झंडी दे दी थी, लेकिन सरकार ने इसे लटकाए रखा है।
भर्ती में देरी : प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि 70 दिनों से सरकार ने शेष 411 प्रोफेसरों और लाइब्रेरियनों की नियुक्ति में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। सरकार पर असंवेदनशीलता का आरोप: प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने कई बार मिलने का वादा किया, लेकिन शिक्षा सचिव केके यादव ने बैठक से बाहर जाने का फैसला किया और शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस को शिक्षा की चिंता करने का समय नहीं मिला।
पुलिस उत्पीड़न: प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि पिछले सप्ताह पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में महिला प्रोफेसरों की ठुड्डी मुड़ी और उनके बाल खींचे गए, जिससे यह साबित होता है कि सरकार शिक्षा और भाषा विरोधी है।
दूसरे मुद्दे और संघर्ष : सड़क दुर्घटना: प्रदर्शन में शामिल जसवंत सिंह ने बताया कि 10 नवंबर को गिद्दड़बाहा धरने में भाग लेने के लिए आ रही बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें 15 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। जसवंत सिंह भी उन घायलों में शामिल हैं।
कॉलेजों की हालत: मनीष कुमार ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ 1158 अभ्यर्थियों की भर्ती का नहीं बल्कि सरकारी कॉलेजों को बचाने का है, क्योंकि पिछले 25 वर्षों में इन कॉलेजों में प्रोफेसरों की नियमित भर्ती नहीं हुई है।
बलविंदर चहल ने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य है कि बचे हुए 411 अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति दी जाए और 1158 भर्ती पूरी की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए तो उनका संघर्ष और तेज होगा।
प्रदर्शनकारी लगातार सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की उम्मीद जताते हुए अनशन पर डटे हैं और किसी भी तरह का समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं।
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