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संत शिरोमणी गुरु रविदास थे मानव जाति के सच्चे पथ प्रदर्शक : चेयरपर्सन

कैथल। हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम की चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल ने कहा कि संत शिरोमणी गुरु रविदास समस्त मानव जाति के सच्चे पथ प्रदर्शक थे। उन्होंने सभी को सामाजिक समरसता का संदेश दिया था। हम सभी को उनके दिखाए गए सदमार्ग पर चलना चाहिए। उनके द्वारा दिया गया संदेश आज भी प्रासंगिक है, इसलिए संतों में उन्हें संत शिरोमणी गुरु रविदास कहा जाता है।
चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल गुरु रविदास के 642वें प्रकाशोत्सव पर आरकेएसडी कॉलेज के हॉल में आयोजित जिला स्तरीय गुरु रविदास जयंती समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी। इससे पहले चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल, अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर कुंडु सहित धर्मवीर भोला एडवोकेट, श्याम कल्याण व जिला कल्याण अधिकारी सीमा रानी व एलडीएम आरके कटारिया ने दीप शिखा प्रज्जवलित, गुरु रविदास के तैलचित्र के समक्ष पुष्प अर्पित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। चेयरपर्सन ने संत शिरोमणी गुरु रविदास जी की जयंती के उपलक्ष में स्कूलों में आयोजित कार्यक्रमों के विजेता बच्चों को सम्मानित भी किया।
चेयरपर्सन दुग्गल ने कहा कि यूं तो भारतवर्ष की भूमि पर संत महात्माओं ने समय-समय पर मानव को जीवन का सच्चा रास्ता बताने का संदेश दिया। संत रविदास ऐसे महापुरुषों में शामिल हैं, जिनका नाम बड़े आदर से लिया जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षाएं पूरी मानवता के लिए थी और आज भी उसी तरह प्रासंगिक हैं। उन्होंने सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए जाति, धर्म, सम्प्रदाय से ऊपर उठकर सभ्य समाज की स्थापना का संदेश दिया। उनका कहना था कि ऐसा चाहूं राज मैं, मिले सभी को अन्न, छोटे बड़े सम बसें, रविदास रहे प्रसन्न संत शिरोमणी मानते थे कि मानव जीवन में ऐसा कुछ कर जाएं कि दुनिया सदियों तक आपको याद करें। उन्होंने विशेष रूप से तीन बातों पर जिंदगी में अमल करने का संदेश दिया था, जिनमें आयु जो सदा रहती है, अहंकार जो सदा बढता है और ज्ञान जिसमें सदा बढने की संभावनाएं रहती हैं।
चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल गुरु रविदास के 642वें प्रकाशोत्सव पर आरकेएसडी कॉलेज के हॉल में आयोजित जिला स्तरीय गुरु रविदास जयंती समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी। इससे पहले चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल, अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर कुंडु सहित धर्मवीर भोला एडवोकेट, श्याम कल्याण व जिला कल्याण अधिकारी सीमा रानी व एलडीएम आरके कटारिया ने दीप शिखा प्रज्जवलित, गुरु रविदास के तैलचित्र के समक्ष पुष्प अर्पित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। चेयरपर्सन ने संत शिरोमणी गुरु रविदास जी की जयंती के उपलक्ष में स्कूलों में आयोजित कार्यक्रमों के विजेता बच्चों को सम्मानित भी किया।
चेयरपर्सन दुग्गल ने कहा कि यूं तो भारतवर्ष की भूमि पर संत महात्माओं ने समय-समय पर मानव को जीवन का सच्चा रास्ता बताने का संदेश दिया। संत रविदास ऐसे महापुरुषों में शामिल हैं, जिनका नाम बड़े आदर से लिया जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षाएं पूरी मानवता के लिए थी और आज भी उसी तरह प्रासंगिक हैं। उन्होंने सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए जाति, धर्म, सम्प्रदाय से ऊपर उठकर सभ्य समाज की स्थापना का संदेश दिया। उनका कहना था कि ऐसा चाहूं राज मैं, मिले सभी को अन्न, छोटे बड़े सम बसें, रविदास रहे प्रसन्न संत शिरोमणी मानते थे कि मानव जीवन में ऐसा कुछ कर जाएं कि दुनिया सदियों तक आपको याद करें। उन्होंने विशेष रूप से तीन बातों पर जिंदगी में अमल करने का संदेश दिया था, जिनमें आयु जो सदा रहती है, अहंकार जो सदा बढता है और ज्ञान जिसमें सदा बढने की संभावनाएं रहती हैं।
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