Review petition in Supreme Court to cancel bail of cow smuggler: Bail was granted on 21 October when the government lawyer did not appear-m.khaskhabar.com
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Dec 7, 2024 2:05 pm
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गौ-तस्कर की जमानत रद्द कराने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका : 21 अक्टूबर को सरकारी वकील के पेश नहीं होने पर दी थी जमानत

khaskhabar.com : गुरुवार, 14 नवम्बर 2024 1:46 PM (IST)
गौ-तस्कर की जमानत रद्द कराने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका : 21 अक्टूबर को सरकारी वकील के पेश नहीं होने पर दी थी जमानत
जयपुर। राजस्थान सरकार ने गौ-तस्करी के आरोपी की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। 21 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी नाजिम खान को जमानत दी थी, हालांकि इस दौरान राज्य सरकार की ओर से कोई भी वकील कोर्ट में पेश नहीं हुआ था, जिसके कारण जमानत का आदेश जारी हुआ। अब सरकार ने इस गलती को सुधारते हुए न्यायालय से आरोपी की जमानत रद्द करने की मांग की है।


सरकार का तर्क है कि आरोपी आदतन गौ तस्कर है और उसके खिलाफ राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी कई मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, आरोपी का आपराधिक इतिहास इस बात की पुष्टि करता है कि अगर उसे बाहर छोड़ा गया, तो वह फिर से गौ तस्करी जैसे अपराधों को अंजाम दे सकता है। पुनर्विचार याचिका में इस बात पर भी जोर दिया गया कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आरोपी का आपराधिक इतिहास ठीक से प्रस्तुत नहीं किया गया था, जिससे अदालत के निर्णय पर असर पड़ा।

सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने यह याचिका दायर की और पिछली सुनवाई के दौरान सरकारी वकील के न होने पर खेद जताया। उन्होंने बताया कि प्रक्रियात्मक चूक के कारण राज्य का कोई भी प्रतिनिधि कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सका था, लेकिन अब सरकार अपना पक्ष रखना चाहती है और इसलिए पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की अपील की गई।

क्या था मामला?
नाजिम खान पर आरोप है कि वह और उसके साथी गौ तस्करी में शामिल थे। 13 फरवरी 2021 को करौली जिले के नादौती थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक संदिग्ध कंटेनर को रोका, जिसमें 26 गाएं पाई गईं। इनमें तीन बछड़े और एक गाय मृत अवस्था में थे। पुलिस ने कंटेनर को जब्त कर लिया और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि नाजिम खान मौके से भाग निकला। बाद में उसे 30 अप्रैल 2024 को गिरफ्तार किया गया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि आरोपी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और राजस्थान में मुकदमे के दौरान उसकी अनुपस्थिति की संभावना हो सकती है, लेकिन उसे अनिश्चितकाल तक हिरासत में रखने का कोई कारण नहीं दिखता।

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