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बृजभूषण के समर्थन में उतरा राजपूत समुदाय, खापों पर साधा निशाना

बागपत (उत्तर प्रदेश)। पहलवानों बनाम बृजभूषण सिंह की लड़ाई में अब राजपूत समुदाय भी कूद पड़ा है। राजपूत विकास समिति ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अपना समर्थन दिया है।
राजपूत समिति ने पहलवानों के विरोध में खापों के हस्तक्षेप का विरोध करते हुए कहा, देश संविधान और कानून से चलता है, पंचायतों से नहीं।
70-80 सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बागपत के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से मुलाकात की और बृजभूषण शरण सिंह को अपना समर्थन व्यक्त करते हुए भारत के राष्ट्रपति को भेजे जाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा।
राजपूतों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राजपूत विकास समिति (आरवीएस) के अध्यक्ष राजेश चौहान कर रहे थे।
चौहान ने कहा कि बृजभूषण के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले उन पर लगे आरोपों की ठीक से जांच की जानी चाहिए।
राजेश चौहान ने कहा, हम पहलवानों के समर्थन में खड़े हैं, लेकिन खाप इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही हैं और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
आरवीएस के उपाध्यक्ष अशोक चौहान ने कहा कि इन खाप पंचायतों में लिए गए निर्णय अवैध और अनैतिक हैं।
कई मौकों पर यह देखा गया है कि खाप प्रतिनिधि केवल राजनीतिक लाभ के लिए अपने मंच का दुरुपयोग करने की कोशिश करते हैं।
अशोक चौहान ने कहा, केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के दौरान भी खापों ने किसानों के मामलों में दखल दिया और यही कारण है कि आंदोलनकारियों और सरकार को समझौते पर पहुंचने में देर हो गई और विरोध लंबे समय तक खिंच गया।
राजपूत विकास समिति का गठन दो दशक पहले हुआ था।(आईएएनएस)
राजपूत समिति ने पहलवानों के विरोध में खापों के हस्तक्षेप का विरोध करते हुए कहा, देश संविधान और कानून से चलता है, पंचायतों से नहीं।
70-80 सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बागपत के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह से मुलाकात की और बृजभूषण शरण सिंह को अपना समर्थन व्यक्त करते हुए भारत के राष्ट्रपति को भेजे जाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा।
राजपूतों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राजपूत विकास समिति (आरवीएस) के अध्यक्ष राजेश चौहान कर रहे थे।
चौहान ने कहा कि बृजभूषण के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले उन पर लगे आरोपों की ठीक से जांच की जानी चाहिए।
राजेश चौहान ने कहा, हम पहलवानों के समर्थन में खड़े हैं, लेकिन खाप इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही हैं और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
आरवीएस के उपाध्यक्ष अशोक चौहान ने कहा कि इन खाप पंचायतों में लिए गए निर्णय अवैध और अनैतिक हैं।
कई मौकों पर यह देखा गया है कि खाप प्रतिनिधि केवल राजनीतिक लाभ के लिए अपने मंच का दुरुपयोग करने की कोशिश करते हैं।
अशोक चौहान ने कहा, केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के दौरान भी खापों ने किसानों के मामलों में दखल दिया और यही कारण है कि आंदोलनकारियों और सरकार को समझौते पर पहुंचने में देर हो गई और विरोध लंबे समय तक खिंच गया।
राजपूत विकास समिति का गठन दो दशक पहले हुआ था।(आईएएनएस)
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