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पात्रता वाले स्थानों को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने का राजस्थान ने कोई प्रस्ताव नहीं भेजाः बेनीवाल

नागौर। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल के जवाब में केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरूता ने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में परियोजनाओं का क्रियान्वयन करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। सांसद बेनीवाल ने केंद्र सरकार द्वारा विगत 3 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए आवंटित निधि का ब्यौरा मांगा था।
सांसद ने यह भी जानना चाहा था कि राजस्थान के विभिन्न जिलों की कई तहसील और क्षेत्र जो जनजातीय क्षेत्र की पात्रता रखते हैं, उन्हें जनजातीय क्षेत्र के रूप में शामिल करने के लिए क्या राजस्थान सरकार ने कोई प्रस्ताव भेजा है। इस पर केंद्र ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।
सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार जनजातीय उप योजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 10101.18 लाख रुपए जारी किए। वहीं 2020-21 में 8662.66 लाख रूपए आवंटित हुए। जबकि 2021-22 में कोई राशि आवंटित ही नहीं हुई। वर्ष 2019-20 में संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत मिलने वाले अनुदान की राशि 15586.19 लाख रुपए दिए। वर्ष 2020-21 में घटाकर 9166 लाख और 2021-22 में 10435.21 लाख रुपए आवंटित हुए वहीं मैट्रिकोत्तर छात्रवृति कि राशि में भी काफी कटौती कर दी गई।
सांसद ने बेनीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार को राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए चल रही योजनाओं के बजट में कटौती नहीं करनी चाहिए। राज्य को भी समय पर प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र को भेजना चाहिए, ताकि समय पर योजनाओं की उचित मॉनिटरिंग हो सके। बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में आज भी कई ऐसे स्थान हैं जो जनजातीय क्षेत्र की पात्रता रखते है परन्तु जनजातीय क्षेत्र में सम्मिलित नहीं है।
सांसद ने यह भी जानना चाहा था कि राजस्थान के विभिन्न जिलों की कई तहसील और क्षेत्र जो जनजातीय क्षेत्र की पात्रता रखते हैं, उन्हें जनजातीय क्षेत्र के रूप में शामिल करने के लिए क्या राजस्थान सरकार ने कोई प्रस्ताव भेजा है। इस पर केंद्र ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।
सांसद हनुमान बेनीवाल के सवाल के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार जनजातीय उप योजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 10101.18 लाख रुपए जारी किए। वहीं 2020-21 में 8662.66 लाख रूपए आवंटित हुए। जबकि 2021-22 में कोई राशि आवंटित ही नहीं हुई। वर्ष 2019-20 में संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत मिलने वाले अनुदान की राशि 15586.19 लाख रुपए दिए। वर्ष 2020-21 में घटाकर 9166 लाख और 2021-22 में 10435.21 लाख रुपए आवंटित हुए वहीं मैट्रिकोत्तर छात्रवृति कि राशि में भी काफी कटौती कर दी गई।
सांसद ने बेनीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार को राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए चल रही योजनाओं के बजट में कटौती नहीं करनी चाहिए। राज्य को भी समय पर प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र को भेजना चाहिए, ताकि समय पर योजनाओं की उचित मॉनिटरिंग हो सके। बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में आज भी कई ऐसे स्थान हैं जो जनजातीय क्षेत्र की पात्रता रखते है परन्तु जनजातीय क्षेत्र में सम्मिलित नहीं है।
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