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˜यंबकेश्वर दरगाह विवाद पर बोले राज ठाकरे, सौ साल पुरानी परंपराओं रोकना सही नहीं
इसके साथ ही, उन्होंने चेतावनी भी दी कि बाहरी लोगों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस मामले में स्थानीय लोगों को निर्णय लेना है।
शहर के दो दिवसीय दौरे पर आये राज ठाकरे ने कहा, निर्णय स्थानीय ग्रामीणों को लेने दीजिए.. क्या कोई इस पर दंगे चाहता है? जब चीजें गलत हो जाएं तो हमें जरूर बोलना चाहिए।
हजरत पीर सैयद गुलाब शाहवाली बाबा दरगाह के वार्षिक उर्स में 13-14 मई की रात शामिल कुछ मुसलमानों को मंदिर के प्रवेश द्वार पर अगरबत्ती चढ़ाने से रोके जाने की घटना की आलोचना करते हुए ठाकरे ने कहा कि इस तरह की पुरानी रस्म को बाधित या समाप्त नहीं किया जाना चाहिए। मामले को चर्चा के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
उन्होंने हैरानी जताई कि यदि कोई महज पुरानी परंपराओं का अनुसरण कर रहा है तो क्या परेशानी है। उन्होंने कहा, क्या हमारा (हिंदू) धर्म इतना कमजोर है कि किसी के वहां आने से कोई फर्क पड़ेगा।
ठाकरे ने इस तरह की बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने, गलतफहमियां फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर भी उंगली उठाई और कहा कि पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी चीजों को लेकर कोई हिंसा न हो।
उन्होंने कहा, ऐसे कई मंदिर और मस्जिद या दरगाह हैं जहां हिंदू और मुसलमान युगों से जाते रहे हैं .. मैंने कई मस्जिदों में गया हूं और हमारे कई मुस्लिम भाई भी मंदिरों में आते हैं .. लोग मिश्रित इलाकों में रहते हैं और बड़े होते हैं, लेकिन कोई समस्या नहीं हुई है..।
हालांकि, उन्होंने कहा कि जब चीजें गलत हो रही हों तो बोलना चाहिए और पिछले दो वर्षों में मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के खिलाफ अपने अभियान और माहिम दरगाह (मुंबई) के पास अरब सागर में एक कथित अवैध टापू बनाए जाने का हवाला दिया जिसे मार्च में ध्वस्त कर दिया गया था।
इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, कार्यकारी अध्यक्ष एम.ए. नसीम खान और अन्य के साथ, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय सक्सेना से मिले और सर्वोच्च न्यायालय के निदेर्शानुसार भड़काऊ, घृणास्पद भाषण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
सभी राजनीतिक दलों और ˜यंबकेश्वर मंदिर और दरगाह के ट्रस्टियों के साथ ग्रामीणों की 17 मई को एक बैठक में क्षेत्र में शांति के लिए मतदान किया गया था, जिसकी विभिन्न विपक्षी दलों ने सराहना की थी।
˜यंबकेश्वर में मंदिर में कथित 'अतिचार' की घटना के बाद कथित झड़पों के तुरंत बाद, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की एसआईटी जांच का आदेश दिया था।(आईएएनएस)
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