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पंजाब की जेलों में स्निफर सुपरकॉप्स का पहराः सरकार ने जेलों में नशे की जड़ें काटने का ऐतिहासिक फैसला

ओएसडी टू सीएम अमनजोत सिंह ने बताया कि खरीद प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए पंजाब ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट, 2019 की धारा 63(1) के तहत विशेष छूट दी गई। हर डॉग की बेस कीमत 2.5 लाख है, लेकिन ड्यूटी-रेडी ट्रेनिंग और उपकरणों सहित कुल 15 लाख प्रति डॉग (कुल 90 लाख का स्मार्ट निवेश)। फिल्लौर पंजाब पुलिस अकादमी में जेल स्टाफ के साथ अतिरिक्त गहन ट्रेनिंग होगी, जहां पहले से सफल कैनाइन प्रोग्राम चल रहा है।
ओएसडी टू सीएम अमनजोत सिंह ने बताया कि यह पहला कदम नहीं – पहले एक्साइज विभाग के दो स्निफर डॉग्स ने अवैध लाहन के कई मामलों का पर्दाफाश किया, और जेल विभाग की मौजूदा कैनाइन यूनिट्स ने मोबाइल फोन तस्करी रोकने में 'कमांडेबल सर्विस' दी। नई टीम पुरानी यूनिट्स को सुपरचार्ज करेगी।' युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान के तहत 25 जेल अधिकारियों को निलंबित किया गया। पिछले साल पंजाब पुलिस ने 1,100 किलो से अधिक हेरोइन बरामद की (2024 में कुल 1,129 किलो), और NDPS मामलों में 25% कमी दर्ज की (9,025 केस रह गए)।
जेल सुधार अभियान से 'ड्रग-फ्री पंजाब' का लक्ष्य हासिल होगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान का संदेश – "नशे पर सख्ती सिर्फ पुलिस का नहीं, पूरे समाज का अभियान है। 'युद्ध नशे के विरुद्ध' से 'ड्रग-फ्री पंजाब' बनेगा। जेलें सुधरेंगी तो पंजाब सुधरेगा।" पंजाब का हर युवा नशे के जाल से मुक्त हो और अपने सपनों को पूरा करे।" उनकी यह सोच जनता के बीच गहरी पैठ बना रही है। सोशल मीडिया पर लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, "स्निफर डॉग्स जेलों में सुरक्षा की दहाड़ हैं! भगवंत मान सरकार ने साबित कर दिया कि सुशासन से कुछ भी संभव है।" इसे 'सिक्योरिटी गेम चेंजर' कहा जा रहा है।
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