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पंजाब के राज्यपाल ने किया भाजपा प्रदेश प्रभारी डा. सतीश पूनिया की पुस्तक ‘अग्निपथ नहीं जनपथ’ का विमोचन

सभी वक्ताओं ने भारत के मजबूत लोकतंत्र की प्रशंसा करते हुये कहा कि, विचारधाराएं अलग हो सकती हैं, लेकिन जनहित में सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए, इस बात का सभी से आह्वन किया।
राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के मुख्य आतिथ्य में सतीश पूनियां की ओर से लिखी गई पुस्तक ‘अग्निपथ नहीं जनपथ’ का विमोचन किया, इस गरिमामय मौके पर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह पुस्तक लिखकर सतीश पूनियां ने लोकतंत्र की खूबसूरती के लिये ऐतिहासिक कार्य किया है और वह खुद इस पुस्तक से इतने प्रभावित हैं कि उन्हें भी पुस्तक लिखने की प्रेरणा मिली है, क्योंकि इस पुस्तक के माध्यम से राजस्थान विधानसभा की कार्यप्रणाली, नेता प्रतिपक्ष की भूमिका, स्पीकर की भूमिका, राजस्थान विधानसभा से जुड़ी हर प्रक्रिया के बारे में जो जानकारी दी गई है, वह वास्तव में अपने आप में एक बड़ा कार्य है और इसके लिए सतीश पूनियां धन्यवाद के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि इस पुस्तक से आमजन को भी काफी कुछ सीखने को मिलेगा, विधानसभा के बारे में उन्हें अच्छी जानकारी मिलेगी इसके अलावा नए विधायकों और जो युवा राजनीति में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उन्हें काफी कुछ इस पुस्तक से सीखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सतीश पूनियां ने इस पुस्तक का विमोचन उनके हाथों से करवाया यह भी उनके इतने बड़े राजनीतिक जीवन में सबसे बड़ा सुखद क्षण है यह भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती को दर्शाता है
कटारिया ने हमारे विचार अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन जब देशभक्ति और जनहित के मुद्दे सामने होते हैं तो हम सब एक होते हैं, यही भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती है, उन्होंने कहा कि मंच पर भीलवाड़ा जिला प्रमुख बरजी बाई भील का मौजूद होने से इस कार्यक्रम का गौरव और बढ़ जाता है।
मैं जब राज्यपाल पद से रिटायर हो जाऊंगा तो फिर साधारण कार्यकर्ता बन जाऊंगा इसलिए एक श्रेष्ठ कार्यकर्ता बनकर आदमी लंबे समय तक राजनीति में खुद को स्थाई रख सकता है।
इसलिए सतीश पूनियां की ओर से लिखी गई यह पुस्तक एक अमूल्य खजाना है जिसे पढ़कर काफी कुछ जीवन में हासिल किया जा सकता है
कटारिया ने कहा कि राजनीति में हार-जीत नहीं, बल्कि जनहित के लिए किया गया कार्य ही पहचान बनाता है। मैंने सतीश पूनियां को विद्यार्थी परिषद लेकर युवा मोर्चा और भाजपा संगठन के लिये जमीन पर मेहनत करते देखा है, अजमेर से भरतपुर की युवा मोर्चा की 1999 में पदयात्रा की हो आपने या फिर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पूरे राजस्थान में आपने संगठन को जन-जन तक पहुंचाने की बात हो, जनहित के मुद्दों को सड़क से सदन तक मुखरता से उठाना, यह सब आपके व्यक्तित्व की खूबियां हैं, पद आएंगे जायेंगे लेकिन मेरी आपकी पहचान जयपुर से लेकर राजस्थान के सूदूर अंचल में बैठे कार्यकर्ता के बीच में रहना, उसका मनोबल बढ़ाने का कार्य है, कार्यकर्ता को प्यार देते रहना है।
उन्होंने कहा कि भैरोसिंह शेखावत सिखाते थे, जो हमें कहते थे राजस्थान को जानना है तो सदन में बैठो। दुर्भाग्य है कि अब सदन से ज्यादा ध्यान तबादलों पर रहता है।
कटारिया ने कहा कि जो अग्निपथ से गुजरता है वही जनपथ को समझता है। विचार भले अलग हों, लेकिन सौहार्द बना रहना चाहिए।
राजेन्द्र राठौड़ ने संबोधन में कहा कि, अग्निपथ पर तपे बिना जनपथ नहीं मिलता, अग्निपथ पर चलकर जो कुंदन की तरह तपता है, वही जनपथ तक पहुंचता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अग्निपथ पर चलकर देश के शीर्ष तक पहुंचे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता प्रतिपक्ष के रूप में गुलाबचंद कटारिया सुबह 9.30 बजे से विधानसभा में बैठ जाते थे। ऐसी गंभीरता मैंने केवल भैरोसिंह शेखावत और गुलाबचंद कटारिया में देखी है।
राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, यहां पक्ष के रूप में सतीश पूनियां विराजे हैं, प्रतिपक्ष के रूप में टीकाराम जूली विराजे हैं, निष्पक्ष के रूप में महामहिम राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया विराजे हैं, एक धरा के रूप में भीलवाड़ जिला प्रमुख बरजी बाई भील विराजी हैं, यह बहुत विरला मौका है जो लंबे अरसे बाद मिला है।
पुस्तक का शीर्षक अग्निपथ नहीं जनपथ- संवाद से संघर्ष तक, यह सतीश पूनियां के खुद के राजनीतिक संघर्ष के साथ-साथ आने वाले दिनों में राजनीति के विद्यार्थियों के लिये एक मार्गदर्शक बनेगा।
सतीश पूनियां एक ऐसे मंझे राजनेता हैं जो जनहित के राजनीतिक मुद्दों को पकड़ना, उन्हें तलाशना और फिर उन्हें जनता का मुद्दा बना देना, यह खूबी मैंने आपके व्यक्तित्व में देखी है।
जिन मुद्दों को भाजपा राजस्थान अध्यक्ष रहते हुए सतीश पूनियाँ ने सड़क पर संघर्ष करते हुए जन मुद्दे बना दिए आज उन्हीं की बुनियाद पर हमारी भाजपा की भजनलाल सरकार का जन्म हुआ है।
हमारी भाजपा की सरकार की बुनियाद में आपके सड़कों पर किए गए संघर्ष और जिन मुद्दों को आपने जनमुद्दा बनाया, उसी की वजह से आज भाजपा की भजनलाल सरकार का जन्म हुआ है।
निश्चित तौर पर जो अग्निपथ पर चलता है तपकर कुंदन बनता है, और जो अग्निपथ पर कुंदन की तरह तप कर आगे बढ़ता है, जनपथ उसी को मिलता है, और ताजा उदाहरण देखें तो दुनिया में सबसे लोकप्रियता नरेंद्र मोदी है, वह भी अग्निपथ के वाहक बनकर जनपथ के वाहक बने हैं, जब संघर्ष और संवाद की बात आप करते हैं, हर संघर्ष के पीछे संवाद उसका मूल मंत्र होता है।
उन्होंने सतीश पूनियां की ओर से लिखी गई पुस्तक के शीर्षक अग्निपथ से जनपथ के बारे में कहा कि जैसे सतीश पूनियां का संघर्ष से भरा जीवन रहा इन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भाजपा के युवा मोर्चा में रहते हुए और भाजपा राजस्थान के अध्यक्ष की कमान संभालने के दौरान हमेशा सड़कों पर लड़ाई लड़ी और बाद में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष रहने के दौरान भी हमेशा सड़कों पर आंदोलन करते नजर आए इसलिए इनकी ओर से लिखी गई पुस्तक उन युवाओं के लिए काफी प्रेरणादायक साबित होगी जो राजनीति में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं।
राजस्थान विधानसभा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने संबोधन में कहा कि, सतीश पूनियां, राजेंद्र राठौड़, गुलाबचंद कटारिया, घनश्याम तिवाड़ी जैसे नेताओं को वह काफी मिस करते हैं विधानसभा में, क्योंकि इन नेताओं से उन्होंने काफी कुछ सीखा है, इन नेताओं का विधानसभा में समय पर आना समय पर जाना प्रत्येक बैठक में शामिल होना, प्रत्येक मुद्दे पर तथ्यात्मक तरीके से अपनी बात कहना सदन की मर्यादाओं का ध्यान रखना, इन वरिष्ठ नेताओं की यह विशेषता थी जिन्हें देखकर सदन में पहली बार आया विधायक भी काफी कुछ सीखता था, लेकिन वह खुद भी इन नेताओं को आज राजस्थान विधानसभा में काफी मिस करते हैं।
टीकाराम जूली ने कार्यक्रम में कहा कि राजस्थान की राजनीति में सतीश पूनियां एक सभ्य राजनेता हैं, लोकतंत्र और विधानसभा की मर्यादाओं को अच्छी तरह से समझते हैं, सतीश पूनियां एक अच्छे लीडर अच्छे वक्ता अच्छी सोच वाले राजनेता हैं स
जूली ने कहा, हरियाणा के लोगों का मस्तमौला स्वभाव होता है और आजकल यही स्वभाव सतीश पूनियां का भी हो गया है, मैं खास कर सतीश पूनियां के प्रोग्राम में यह जानने आया हूँ कि हम हरियाणा चुनाव कैसे हारे, सब कह रहे थे कांग्रेस जीत रही हैं, जीत रही है, लेकिन फिर हरियाणा में हारी कैसे कांग्रेस यह आज तक पता नहीं चल पाया ?
मदन राठौड़ ने कहा, राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया राजनीति के आदर्श हैं, उन्होंने कहा कि सतीश पूनियां कुशल संगठनकर्ता हैं पार्टी की मजबूती के लिये प्रदेश में उन्होंने खूब काम किया, मदन राठौड़ ने सतीश पूनियां की ओर इंगित करते हुए कहा कि सतीश भाईसाहब मैं तो हमेशा आपके आगे चल चलकर आपका रास्ता बनाया है और भाईसाहब अब आप चिंता मत कीजिए आगे भी मैं आपके लिए रास्ते बनाते रहूंगा.. यह सुनकर सतीश पूनियां और मंच पर मौजूद सभी लोग एवं सभागार में मौजूद लोग जोर-जोर से हंसने लगे।
सतीश पूनियां की कई खूबियों का तो उन्हें पहले से पता था लेकिन उनकी यह किताब देखकर उन्हें आज महसूस हुआ कि वह एक अच्छे लेखक भी हैं।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए एफएम आरजे कार्तिक, कवयित्री एवं लेखिका शिवांगी सिंह, एडवोकेट एवं सोशल मीडिया चिंतक मनमीत सोनी, कवि दिनेश कुमार सूत्रधार और साहित्यकार नीलू शेखावत को सम्मानित किया गया। मंच संचालय लाड़नूं राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य गजादान चारण, राजस्थान साहित्य अकादमी (उदयपुर) के सचिव बसंत सोलंकी ने आभार व्यक्त किया।
पुस्तक ‘अग्निपथ नहीं जनपथ’ पुस्तक का लोकार्पण और कृति चर्चा जयपुर के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित हुई, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर, झाबर सिंह खर्रा, सुमित गोदारा, सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राव राजेन्द्र सिंह, विधायक श्रीचंद कृपलानी, पूर्व सांसद रामचरण बोहरा, डॉ.शैलेष सिंह, कैलाश वर्मा, महेन्द्रपाल मीणा, शोभा चौहान, आदूराम मेघवाल सहित प्रदेशभर से पार्टी कार्यकर्ता, मंत्रीगण, विधायकगण, पार्टी पदाधिकारी, संपादकगण, पत्रकार, लेखक, उद्यमी, शासन प्रशासन व आमजन उपस्थित रहे।
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